
छत्तीसगढ़ ने उच्च शिक्षा, अपराध जांच और स्टार्टअप नवाचार के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। नया रायपुर में राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के अस्थायी परिसर और i-Hub छत्तीसगढ़ की शुरुआत ने राज्य को तकनीकी और न्यायिक सशक्तिकरण के पथ पर अग्रसर किया है।
नया रायपुर बना फॉरेंसिक साइंस का केंद्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “स्मार्ट लॉ एंड ऑर्डर” विजन को आगे बढ़ाते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से NFSU रायपुर परिसर का ई-उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, और राज्य सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री उपस्थित रहे।

फॉरेंसिक साइंस में युवाओं को मिलेगा नया अवसर
NFSU रायपुर राज्य के युवाओं को फॉरेंसिक विज्ञान, अपराध जांच और तकनीकी अनुसंधान में उच्च शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान करेगा। लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, “यह संस्थान छत्तीसगढ़ के लिए फॉरेंसिक शिक्षा के एक नए युग की शुरुआत है, जो न्यायिक प्रणाली को वैज्ञानिक और आधुनिक बनाएगा।”
i-Hub छत्तीसगढ़: स्टार्टअप और नवाचार को मिलेगा नया प्लेटफॉर्म
इस मौके पर i-Hub छत्तीसगढ़ की भी शुरुआत हुई। यह मंच युवाओं को स्टार्टअप, नवाचार, तकनीकी प्रशिक्षण और निवेश के लिए मार्गदर्शन देगा। यह कॉलेज से मार्केट तक की दूरी को पाटते हुए स्टूडेंट्स को प्रोफेशनल दुनिया से जोड़ेगा, जिससे छत्तीसगढ़ उद्यमिता में आत्मनिर्भर राज्य बनेगा।
अमित शाह का संदेश: “आधुनिक अपराधों के लिए आधुनिक जांच जरूरी”
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “परंपरागत तरीकों से आधुनिक अपराधों से लड़ना मुश्किल है, इसलिए फॉरेंसिक विज्ञान का उपयोग बढ़ाना समय की मांग है।” उन्होंने विश्वास जताया कि NFSU रायपुर और CFSL परिसर से मध्य भारत को तकनीकी जांच और ट्रेंनिंग का बड़ा आधार मिलेगा।
बृजमोहन अग्रवाल बोले: “युवा अब छत्तीसगढ़ में ही पाएंगे उच्च फॉरेंसिक शिक्षा”
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, “यह संस्थान केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला है।” अब राज्य के छात्रों को फॉरेंसिक साइंस पढ़ने दिल्ली, हैदराबाद या गुजरात नहीं जाना पड़ेगा। यह न्याय प्रणाली, प्रशासन और युवा शक्ति को सशक्त करने की दिशा में ठोस कदम है।
छत्तीसगढ़ को मिलेंगे ये फायदे:
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फॉरेंसिक साइंस में स्थानीय युवाओं को उच्च शिक्षा
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अपराध जांच और दोषसिद्धि दर में सुधार
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स्टार्टअप्स को तकनीकी मार्गदर्शन और निवेश
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आत्मनिर्भर न्यायिक तंत्र का निर्माण
