Rice Price at FCI: केंद्र और अलग-अलग राज्‍यों की तरफ से गरीब पर‍िवारों के ल‍िए कल्‍याणकारी योजनाएं संचाल‍ित की जा रही हैं. इसका फायदा सरकारें राशन कार्ड धारकों के जर‍िये आम आदमी तक पहुंचाती हैं. इन योजनाओं में बांटने के ल‍िए राज्‍यों को गेहूं और चावल की जरूरत होती है.

प‍िछले साल केंद्र ने खराब मानसून और कम उत्पादन की आशंका के बीच राज्यों को चावल मुहैया नहीं कराया था. अब केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि अगर राज्यों को चावल की जरूरत है तो वे भारतीय खाद्य निगम (FCI) से 2,800 रुपये प्रति क्‍व‍िंटल की दर से सीधे चावल खरीद सकते हैं. इसके ल‍िए उन्‍हें ई-नीलामी की प्रक्र‍िया में ह‍िस्‍सा लेने की जरूरत नहीं होगी.

ई-नीलामी की प्रक्र‍िया में भाग लेने की जरूरत नहीं

आपको बता दें प‍िछले साल कर्नाटक ने अपनी कल्याणकारी योजनाओं के ल‍िए चावल की मांग की थी. लेकिन केंद्र की तरफ से उसके अनुरोध को खार‍िज कर द‍िया गया था. जून, 2023 में केंद्र ने मुक्त बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी थी.

जोशी ने बताया राज्य सीधे केंद्रीय पूल से 2,800 रुपये प्रति क्‍व‍िंटल की दर से चावल खरीद सकते हैं. उन्हें ई-नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी राज्य की तरफ से क‍िसी तरह की मांग सामने नहीं आई है.

स्टॉक में कमी लाने के ल‍िए यह फैसला क‍िया गया

सरकारी बयान के अनुसार, राज्य 1 अगस्त, 2024 से ई-नीलामी में भाग लिए बिना मुक्त बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत एफसीआई (FCI) से चावल खरीद सकते हैं. नए खरीद सत्र की शुरुआत से पहले स्टॉक में कमी लाने के ल‍िए यह फैसला क‍िया गया है. जोशी ने कहा कि ‘भारत’ ब्रांड के तहत आटा और चावल की बिक्री जारी रहेगी.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्‍न योजना (PMGKAY) पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र ने 1 जनवरी, 2024 से पांच साल के लिए करीब 81.35 करोड़ लाभार्थी परिवारों को मुफ्त खाद्यान्‍न उपलब्ध कराना जारी रखने का फैसला किया है. इसका अनुमानित वित्तीय खर्च 11.80 लाख करोड़ रुपये है.

वित्त वर्ष 2023-24 में वितरित खाद्यान्‍न 497 लाख टन और इस वित्त वर्ष में जून तक 125 लाख टन था. जोशी ने यह भी बताया कि एथनॉल उत्पादन क्षमता बढ़कर 1,589 करोड़ लीटर प्रति वर्ष हो गई है, जो देश की घरेलू एथनॉल जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है.

उन्होंने कहा कि लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये के भुगतान के साथ चालू चीनी सत्र 2023-24 के लिए 94.8 प्रतिशत से अधिक गन्ना बकाया चुका दिया गया है, जिससे गन्‍ना बकाया न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ पर जोशी ने कहा कि आज तक देशभर में 145 करोड़ रुपये के पोर्टेबिलिटी लेनदेन किए गए हैं.

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