नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस को लेकर एक संसदीय समिति के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया है. इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है. दुबे ने कहा कि अपने 50 मिनट के भाषण में राहुल गांधी ने 75 बार अडानी का नाम लिया इससे ये समझा जा सकता है कि वो उस बात के लिए किस कदर बेचैन थे. उन्होंने समिति के सामने दलील दी कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के लिए उनके खिलाफ तीन कारणों से प्रिविलेज का मामला बनता है.

गौरतलब है कि बजट सत्र के पहले चरण में गांधी के भाषण के बाद दुबे ने सात फरवरी को उनके खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस दिया था. राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान हिंडनबर्ग-अडाणी मुद्दे पर टिप्पणी की थी. लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए दुबे ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष द्वारा गांधी की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाए जाने के बावजूद वे अब भी उनके और कांग्रेस के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनलों पर उपलब्ध हैं. भाजपा सांसद सुनील सिंह इस समिति के अध्यक्ष हैं.

सदस्यता समाप्त करने की मांग

दुबे के हवाले से एक सूत्र ने कहा, ‘‘न केवल एक बल्कि तीन प्रकार के विशेषाधिकार उन पर लागू होते हैं और वह आदतन ‘अपराधी’ हैं और इसलिए उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जानी चाहिए.’’ पहला, संसद के नियम 352 (2) के तहत किसी भी सांसद या मंत्री के खिलाफ कोई भी गंभीर आरोप लगाने से पहले लोकसभा स्पीकर को जानकारी देकर इजाजत लेनी होती है, जो राहुल गांधी ने नहीं किया.

कांग्रेस सोशल मीडिया पर बिना एक्सपंज चला रही भाषण

दूसरा, कारण ये हो सकता है कि भले ही लोकसभा स्पीकर ने उनके भाषणों को हटा दिया है, लेकिन राहुल गांधी के ट्वीटर हैंडल और यूट्यूब चैनल और इंडियन नेशनल कांग्रेस के YouTube चैनल पर आज भी राहुल गांधी के बिना एक्सपंज किया हुआ भाषण चल रहा है. तीसरा, राहुल गांधी ने स्पीकर के इंटीग्रिटी पर प्रश्न किया और चैलेंज किया. अगर एक बार स्पीकर ने एक्सपंज कर दिया उसको चैलेंज नहीं किया जा सकता, लेकिन राहुल गांधी लगातार देश और यहां तक कि विदेशों में जाकर भी कह रहे हैं कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जाता, उनका माइक बंद कर दिया जाता है.

यह भी उठे सवाल

दुबे ने अपनी बात की पुष्टि के लिए दस्तावेज और रिपोर्ट भी पेश किए और इनके जरिए दावा किया कि गांधी द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और व्यवसायी गौतम अडाणी के विभिन्न सौदे, जिनका उन्होंने (राहुल गांधी)उल्लेख किया था, कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान किए गए थे.

राहुल की बर्खास्तगी के लिए 1976 का हवाला

सूत्रों के मुताबिक दुबे ने कहा कि राहुल गांधी ने बिना पूर्व सूचना दिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाए जो न केवल लोकसभा के सदस्य हैं बल्कि सदन के नेता भी हैं. उन्होंने कहा कि यह लोकसभा के नियमों का उल्लंघन है. दुबे ने राहुल गांधी की बर्खास्तगी की अपनी मांग के समर्थन में 1976 में सुब्रमण्यम स्वामी को राज्यसभा से निष्कासित करने का हवाला दिया.

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