छत्तीसगढ़ में अब मेडिकल स्टोर्स द्वारा दवा पर छूट (Discount Offers) का प्रचार करना गैरकानूनी माना जाएगा। राज्य फार्मेसी काउंसिल ने स्पष्ट किया है कि छूट का प्रचार फार्मेसी अधिनियम 1948 का उल्लंघन है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बोर्ड और सोशल मीडिया पर प्रचार करने वाले मेडिकल स्टोर्स की पहचान शुरू

राज्य फार्मेसी परिषद को यह जानकारी मिली थी कि कई फार्मेसी संचालक अपने परिसर में बोर्ड और सोशल मीडिया के माध्यम से दवा खरीद पर छूट का प्रचार कर रहे हैं। यह गतिविधि फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 के अध्याय 7 और 8 के अनुसार अनैतिक (Unethical) और अवैध (Illegal) है।

पंजीकृत फार्मासिस्ट का लाइसेंस हो सकता है निलंबित या रद्द

अगर कोई पंजीकृत फार्मासिस्ट इस प्रकार के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसका पंजीकरण रद्द या निलंबित किया जा सकता है।
साथ ही, संबंधित मेडिकल स्टोर पर भी विधानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

बड़े व्यवसायों की छूट नीति से अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा, Competition Act का उल्लंघन

फार्मेसी काउंसिल ने कहा है कि कुछ बड़े ब्रांड्स और व्यवसायी अपनी आर्थिक शक्ति का इस्तेमाल कर छूट का प्रचार कर रहे हैं, जिससे छोटे मेडिकल स्टोर्स पर आर्थिक दबाव बनता है। यह स्थिति प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 4 का सीधा उल्लंघन है।

राज्य के आर्थिक संतुलन और फार्मेसी व्यवसाय पर पड़ रहा नकारात्मक प्रभाव

इस तरह की अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा से राज्य व देश की आर्थिक स्थिरता पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है। प्रतिस्पर्धा आयोग ऐसी गतिविधियों पर जुर्माना और अन्य कार्रवाई भी कर सकता है। राज्य फार्मेसी परिषद की हालिया कार्यकारिणी बैठक में तय किया गया है कि भविष्य में ऐसे उल्लंघनों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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