विपक्षी एकजुटता को लेकर शुक्रवार को बिहार की राजधानी पटना में दिग्गजों का जमावड़ा लगा रहा. नीतीश कुमार की अगुवाई में करीब 15 दलों के नेता विपक्ष की अहम बैठक में शामिल हुए.इस दौरान कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई.बैठक के दौरान उमर अब्दुल्ला ने मांग रखी कि धारा 370 पर विपक्ष एक साथ हो. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल इसे प्रस्ताव में शामिल करें. वहीं कांग्रेस और केजरीवाल के बीच की तल्खियां मिटाने के लिए उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने राहुल गांधी से अपील की कि वो अध्यादेश के मसले पर उनका समर्थन करें.

इस दौरान पवार ने खुद और उद्धव ठाकरे का हवाला दिया. उन्होंने कहा, हम लोग पिछले 25 साल एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं. लेकिन तमाम मतभेद को दरकिनार करते हुए हम साथ काम कर रहे हैं. वहीं उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब मतभेद भुलाकर एक साथ काम करने का वक्त आ गया है.

बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों के नेता जुटे और कई मुद्दों पर महामंथन भी किया. लेकिन सवाल ये है कि दल तो मिले लेकिन क्या दिल मिलेंगे ? वहीं विपक्ष की ओर से मोदी के खिलाफ 2024 में मुख्य चेहरा कौन होगा ये सवाल अब भी बरकरार है. सूत्रों के मुताबिक विपक्ष की अगली बैठक कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में हो सकती है. यह बैठक दो दिन तक चलेगी. इसमें विपक्षी एकता के संयोजक का निर्णय होगा. हिमाचल में होने वाली बैठक में ही यह तय किया जाएगा.

विपक्षी नेताओं ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

बैठक के बाद विपक्षी नेताओं ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, हम 10 या 12 जुलाई को शिमला में फिर से मिल रहे हैं जिसमें हम एक सामान्य एजेंडा तैयार करेंगे. हमें हर राज्य में अलग-अलग तरह से काम करना पड़ेगा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, अगली बैठक कुछ दिन के बाद सब पार्टियों की फिर से की जाएगी. अगली बैठक में तय होगा कि कौन कहां लड़ेगा. जो शासन में है वे देश के हित में काम नहीं कर रहे हैं. वे सब इतिहास बदल रहे हैं.

राहुल बोले-हम एक साथ लड़ेंगे

जबकि राहुल गांधी ने कहा, सीएम नीतीश कुमार ने आज लंच में बिहार के सारे व्यंजन खिला दिए. हिंदुस्तान की नींव पर बीजेपी-आरएसएस का आक्रमण हो रहा है. ये विचारधारा की लड़ाई है. हम एक साथ खड़े हैं. हममें थोड़े-थोड़े मतभेद होंगे, लेकिन हम एक साथ लड़ेंगे. कुछ समय में एक और मीटिंग होगी. यह एक प्रक्रिया है.

बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे और बीजेपी की तानाशाही का मिलकर खात्मा करेंगे. बीजेपी को आम जनता और महंगाई की कोई फ्रिक नहीं है. ये लोग सिर्फ सीबीआई और ईडी को पीछे लगा देते हैं. वहीं आम आदमी पार्टी ने कहा कि अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस ने अब तक रुख साफ नहीं किया है. जब तक अध्यादेश पर समर्थन नहीं मिलेगा, तब तक आप गठबंधन के साथ नहीं है.

ओवैसी ने साधा निशाना

विपक्ष की बैठक पर असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा है.ओवैसी ने कहा, हमको बैठक में नहीं बुलाया गया तो कैसे जाते. उस बैठक में शिवसेना है. क्या वे सेक्युलर हो गए हैं? उस बैठक में दिल्ली के CM हैं. उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का BJP का समर्थन किया था. उस बैठक में नीतीश कुमार हैं जो NDA के तरफ से मुख्यमंत्री रहे हैं. हम भी नहीं चाहते कि 2024 में देश के प्रधानमंत्री मोदी बनें लेकिन इन पार्टियों का ट्रैक रिकॉर्ड क्या है? कांग्रेस आगे रहना चाहती है, नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने का ख़्वाब देख रहे हैं.

बीजेपी ने कसा तंज

विपक्षी दलों की बैठक पर BJP ने तंज कसते हुए पलटवार भी किया. BJP की ओर से गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मोर्चा संभाला और राहुल गांधी के सभी आरोपों का जवाब भी दिया.गृह मंत्री अमित शाह ने तो इसे फोटो सेशन का कार्यक्रम बता दिया. वहीं जेपी नड्डा और स्मृति ईरानी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा.

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