Nirmala Sitharaman News: इन दिनों हलाल प्रॉडक्ट की काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से हलाल प्रमाणन वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर बैन लगा दिया गया है. इसको लेकर अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से भी बयान सामने आया है. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा…

कही ये बात

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि खाद्य उत्पादों का प्रमाणन सिर्फ सरकारी एजेंसियों को ही करना चाहिए और किसी गैर-सरकारी एजेंसी की तरफ से प्रमाणन देना ठीक नहीं है. सीतारमण ने ‘हलाल’ प्रमाणन वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर पूछे गए एक सवाल पर कहा कि कहा कि सरकारी संगठनों के अलावा किसी अन्य संगठन की तरफ से ऐसा प्रमाण दिया जाना सही नहीं है.

सरकारी कार्य

उन्होंने कहा, “खाद्य गुणवत्ता और भोजन का परीक्षण अनिवार्य रूप से एक सरकारी कार्य है. यह काम सरकार को करना चाहिए. इसके लिए हमारे पास भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) है.” सीतारमण ने कहा कि सरकारी एजेंसियों को ही यह पता लगाना चाहिए कि खाद्य उत्पादों में किस तरह के रासायनिक संयोजक, कृत्रिम या हानिकारक रंग मौजूद हैं. उन्होंने कहा, “उन्हें (सरकारी निकायों को) यह प्रमाणित करने का अधिकार होना चाहिए कि लोगों के इस्तेमाल के लिए कौन सा भोजन गुणवत्तापूर्ण है. गैर-सरकारी संगठनों का ऐसा करना सही नहीं है.”

यूपी सरकार ने उठाया था कदम

सीतारमण का यह बयान उत्तर प्रदेश सरकार के 18 नवंबर के एक आदेश के संदर्भ में आया है. इस आदेश में हलाल प्रमाणन वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है. राज्य सरकार ने अपने बयान में कहा है कि “अनुचित वित्तीय लाभ” की चाह में हलाल प्रमाणपत्र से वंचित खाद्य उत्पादों को हतोत्साहित करने के लिए “दुर्भावनापूर्ण प्रयास” किए गए हैं.

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