(श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन एवं भिलाई इस्पात संयंत्र ऑफिसर्स एसोसिएशन ( ओए ) का संयुक्त आयोजन : महिला समूह सम्मान समारोह)       ( घनश्याम बैरागी की रिपोर्ट)

भिलाई (न्यूज़ टी 20 )।  श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन एवं बी.एस.पी. ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में महिला – समूह सम्मान समारोह का आयोजन , विधायक एवं सामाजिक कार्यकर्ता भावना बोहरा के मुख्य आतिथ्य एवं पद्मश्री शमशाद बेगम ने कार्यक्रम की अध्यक्षता मे भिलाई मे संपन्न हुआ ।  

“समारोह की अध्यक्ष ‘पद्मश्री  शमशाद बेगम’ ने स्त्री सुरक्षा के मुददे पर अपनी बातें रखते हुए कहीं , ‘समाज में बढ़ती हुई स्त्री हिंसा का प्रतिकार किया जाना चाहिए.’ 
‘इसके लिए महिलाओं को ‘महिला कमांडो’ जैसे समूह बनाकर आत्मरक्षा का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है.” 

संस्कृतिकर्मी डॉ. अनीता सावंत मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित हुई. 

ओ. ए.अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर  , फाउंडेशन संस्थापक डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव , फाउंडेशन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष सीमा श्रीवास्तव आयोजन के विशिष्ट अतिथि थे. 

“महिला सशक्तिकरण के अभाव में एक स्वस्थ समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती , ये कहती है सामाजिक कार्यकर्ता और विधायक भावना बोहरा.”  

समारोह को संबोधित करते हुए भावना बोहरा ने आगे कहा कि , भारतीय परम्परा और समाज निर्माण में स्त्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. 
हम सबको स्त्री स्वावलम्बन की दिशा में जरूरी काम करना चाहिए. 
श्रीमती बोहरा ने इतिहास , साहित्य एवं परम्परा से अनेक उदाहरण देते हुए प्रतिपादित किया कि , वह समय ज्यादा दूर नहीं जब समाज के विभिन्न क्षेत्र में महिलाएँ अपनी प्रभावी भूमिका एवं सशक्त उपस्थिति के साथ आगे आएँगी. 

“मुख्य वक्ता डॉ. अनीता सावंत ने स्त्रियों की आर्थिक एवं सामाजिक आत्मनिर्भरता के विषय पर बेहद तार्किक एवं प्रभावशाली उदबोधन दिया.’ 
‘डॉ. सावंत ने कहा कि , शिक्षा , सेवा एवं सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी तभी वह अपने बेहतर भविष्य के स्वप्न को साकार कर सकेगी.” 

आयोजकीय वक्तव्य देते हुए डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि , आर्थिक क्षेत्रों में  महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाकर ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में हम आगे जा सकते हैं. 

“डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि , श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में जो सामाजिक कार्य किए जाते हैं , उनमें ‘स्त्रियों की आत्मनिर्भरता’ एक प्रमुख विषय रहता है.” 

अतिथियों का स्वागत करते हुए नरेंद्र बंछोर ने कहा कि , श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के बारहवें  स्थापना दिवस पर इस समारोह का विशेष महत्व है. 

“श्री बंछोर ने सार्वजनिक उपक्रमों की सेवाओं  में महिलाओं की कमतर स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि , यह एक गम्भीर  विषय है.’ 
‘स्त्रियों के स्वावलम्बन  की दिशा में कार्य करते हुए हमें इस सच्चाई पर भी विचार करना चाहिए.” 

समारोह में समूहों के माध्यम से स्त्री उत्थान की दिशा में सक्रिय महिला समूहों  का स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया गया. 

“श्रीमती अश्विनी नागले – प्रगति महिला सहकारी बैंक’ , 
‘डॉ. अंजली सिंह – छत्तीसगढ़ एनिमल सेवियर्स सोसायटी’ , 
‘डॉ. सोनाली चक्रवर्ती – स्वयंसिद्धा ए मिशन विद ए विजन’ , 
‘निधि चंद्राकर – छत्तीसगढ़ उड़ान नई दिशा’ , 
‘डॉ. सरिता साहू’ , 
‘रजनी रजक – लोककला मंच तुलसी चौरा’ , 
‘बी.पोलम्मा – माँ राज राजेश्वरी महिला स्व सहायता समूह’ , 
‘परमजीत कौर – मुस्कान स्व सहायता समूह’ , 
‘सुमित्रा बेहरा – जय माता दी स्व सहायता समूह’ , 
‘गुरमीत कौर-  धनलक्ष्मी स्व सहायता समूह’ , 
‘केशरी साहू – शुभम महिला स्व सहायता समूह’ का सम्मान किया गया.” 
श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के बारे में स्थापना दिवस पर श्री मयंक चतुर्वेदी , अतुल नागले , अरविन्द  सिंह , विष्णु पाठक , खिलावन सिंह चौहान , परविंदर सिंह , सहदेव देशमुख , प्रशांत कानस्कर , मुमताज , को शाल – श्रीफल से सम्मानित किया गया. 

“समारोह का संयोजन , ‘जसवीर कौर , सचिव – श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन’ ने और सभी अतिथियों का आभार ‘परविंदर सिंह’ ने किया.” 

समारोह में रोहिणी पाटणकर ,  कमलेश चंद्राकर , राम पाटणकर ,  यशवंत साहू , किशोर तिवारी , अनीता वर्मा , पी. वाल्सन , कल्पना द्विवेदी , सुमित्रा शर्मा , अंजना श्रीवास्तव , आदि सहित , शिक्षा , कला , साहित्य , संस्कृति , लोक कला , सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि विशेष रूप से मौजूद रहे. 

  • घनश्याम बैरागी. 
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