
रायपुर। अब रायपुर नगर निगम बिना अनुमति लगाए गए पोस्टर, बैनर, होर्डिंग और वाहनों पर विज्ञापन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। नए नियमों के तहत ₹50,000 से ₹1,00,000 तक जुर्माना वसूला जाएगा। इसके साथ ही, अवैध प्रचार हटाने के लिए ₹10,000 तक का शुल्क भी देना होगा।
ई-चालान सिस्टम से पिछले महीने से कार्रवाई शुरू हो चुकी है। महापौर मीनल चौबे ने कहा है कि आम नागरिकों को पहले नियमों की जानकारी दी जाए, फिर चेतावनी, और इसके बाद जुर्माना लगाया जाए।

कौन-कौन आएगा कार्रवाई के दायरे में? क्या राजनीतिक दल भी?
सबसे अहम सवाल ये है कि क्या ये नियम नेताओं और राजनीतिक दलों पर भी समान रूप से लागू होंगे?
क्योंकि राजधानी रायपुर में सबसे ज़्यादा अवैध होर्डिंग्स नेताओं के ही देखे जाते हैं।
नागरिकों का कहना है कि यदि आम आदमी पर जुर्माना है, तो नेताओं पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
विज्ञापन के लिए क्या हैं नियम?
निगम की नीति के अनुसार—
बिना अनुमति कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक या निजी संपत्ति पर प्रचार सामग्री नहीं लगा सकता।
केवल पंजीकृत विज्ञापन एजेंसियों को ही लाइसेंस के जरिए इजाजत दी जाती है।
निजी संपत्ति के लिए लाइसेंस एक साल के लिए होता है, और नवीनीकरण योग्य होता है।
सार्वजनिक स्थानों पर विज्ञापन के लिए टेण्डर और तय नियमों के तहत अनुमति दी जाती है।
15 दिनों में नहीं हटाया तो होगी जब्ती, FIR और सीलिंग
यदि किसी को अवैध विज्ञापन हटाने के लिए 15 दिन में नोटिस के बाद भी सुधार नहीं किया गया, तो
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बिना नोटिस विज्ञापन हटाया जाएगा
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गाड़ी जब्त की जा सकती है
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FIR दर्ज कराई जा सकती है
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विज्ञापन शुल्क न चुकाने पर संपत्ति कर में राशि जोड़ दी जाएगी
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जरूरत पड़ी तो संपत्ति सील भी की जा सकती है
