Organ Trafficking: स्कॉटलैंड में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक मां को अपने बेटे की मौत के 48 साल बाद उसके अवशेष मिले हैं. महिला चार दशक से अधिक समय से यह पता लगाने कोशिश कर रही थी कि उसके बेटे के शव के साथ क्या हुआ. स्कॉटलैंड के एडिनबरा की रहने वाली लीडिया रीड (74) ने यह पता लगाने के लिए लंबा संघर्ष किया कि 1975 में उसके बेटे की मौत के बाद उसके साथ क्या हुआ क्योंकि उसके ताबूत में कोई मानव अवशेष नहीं मिला था.

रीड को 2017 में पता लगा ये सच

सितंबर 2017 में एक अदालत ने खुदाई कर शव निकालने का आदेश दिया था और तब रीड को पता चला कि उस जगह उसके बेटे को नहीं दफनाया गया था.

एक महीने के बच्चे की मौत

रीड के बेटे की जब मौत हुई थी तब वह महज एक सप्ताह का था. उसकी मौत रेसस नामक बीमारी से हुई थी जिसमें किसी गर्भवती महिला के रक्त के एंटीबॉडी उसके गर्भस्थ शिशु की रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं.

रीड का दावा अस्पताल ने दिखाया दूसरा बच्चा

रीड ने दावा किया कि जब उसने अपने बेटे की मृत्यु के कुछ दिन बाद अस्पताल से अपने बेटे को दिखाने को कहा तो उसे कोई और बच्चा दिखा दिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि उसकी इच्छा के विरुद्ध उनके बेटे का पोस्टमॉर्टम भी किया गया.

यह आशंका भी सच साबित हुई

रीड की यह आशंका भी बाद में सच साबित हुई कि परीक्षण के लिए उनके बेटे के अंग निकाल लिये गये हैं.

क्राउन ऑफिस ने एडिनबरा रॉयल इन्फरमरी में रखे गये अंगों को अब गैरी की मां को सौंपने की अनुमति दे दी है.

रीड उस स्कॉटिश अभियान का एक प्रमुख चेहरा रही हैं, जिन्होंने यह उजागर किया कि कैसे अस्पतालों ने अनुसंधान के लिए मृत बच्चों के शरीर के अंगों को अवैध रूप से अपने पास रखा.

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