रायपुर- दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के बाद 25 नवंबर को नगर निगम की मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) बैठक होगी. इस बैठक में मुख्य रूप से शारदा चौक से तात्यापारा रोड चौड़ीकरण, प्रॉपर्टी टैक्स के बड़े बकायादारों से वसूली में सख्ती तथा शास्त्रीबाजार कॉम्प्लेक्स की 101 दुकानें जो चार टेंडर के बाद भी नहीं बिक रही हैं, इस पर चर्चा होगी.

महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि विधानसभा चुनाव आचार संहिता के कारण एमआईसी नहीं हुई थी, इसलिए इन सभी विषयों के अलावा विभागीय अतिरिक्त विषय पर भी चर्चा होगी. इसके अलावा दिसंबर में स्वच्छता सर्वे के लिए आने वाले केंद्रीय दल की तैयारी पर भी इसी एमआईसी में प्लानिंग होगी.

सफाई एवं स्वास्थ्य विभागाध्यक्ष नागभूषण राव ने कहा कि स्वच्छता सर्वे में रायपुर की रैंकिंग सुधारने अधिकारिक स्तर पर काम शुरू हो चुका है, लेकिन शहर की सफाई में अपेक्षित परिणाम नहीं दिख रहे हैं. इसी प्रकार मच्छरों के कारगर रोकथाम के लिए निगम ने भिलाई की एजेंसी को पायलट प्रोजेक्ट के तहत तीन महीने का ट्रॉयल दिया है.

यह ट्रॉयल 2 अक्टूबर से जनवरी तक पूरे 70 वार्ड के लिए है, लेकिन इसका फायदा नजर नहीं आ रहा है. हालांकि एजेंसी ने वीडियोग्रॉफी कर नागरिकों से मच्छरों के रोकथाम पर किये जा रहे प्रयासों पर अलग-अलग जगहों में बातचीत की है. इसे सफलता का आधार नहीं माना जा सकता. इसीलिए एमआईसी सदस्यों के समक्ष एजेंसी के विशेषज्ञों से इस पर बातचीत के लिए महापौर से अनुमति मांगी जाएगी.

चौड़ीकरण के लिए आचार संहिता से पहले शारदा चौक से तात्यापारा खुलेगा मोर्चा

महापौर ने कहा कि दक्षिण विधानसभा उपचुनाव रोड चौड़ीकरण की सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी एक महीने के भीतर काम शुरू करने कहा था. इसके बावजूद अब तक प्रभावितों से इस काम के लिए नियुक्त शीर्ष अधिकारी कलेक्टर ने चर्चा नहीं की. इसे लेकर अब कांग्रेस पार्षद दल नागरिकों के साथ अगले सप्ताह मोर्चा खोलने की तैयारी करेगा.

32 से 35 लाख है दुकानों का रेट

शास्त्री मार्केट कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में दुकानों का रेट 32 से 35 लाख रुपये बताया जा रहा है. इसके लिए अब तक नगर निगम ने चार बार टेंडर किया. इस दर पर कोई भी यहां दुकान लेने तैयार नहीं हो रहा है. बताया गया कि शास्त्री मार्केट के ठीक विपरीत मालवीय रोड में स्थित जवाहर बाजार की विपरी दुकानें इससे कम कीमत पर है. इसे देखते हुए दुकानों की दरों पर भी राजस्व विभाग के अधिकारियों से चर्चा की जाएगी.

टैक्स वसूली की प्लानिंग पर चर्चा

नगर निगम ने वर्ष 2024-25 के लिए लगभग 500 करोड़ टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा है. इसके लिए बड़े बकायादारों से वसूली में सख्ती को लेकर भेदभाव की बातें सामने आ रही हैं. महापौर ने कहा कि बकायादार जो भी हो, टैक्स की वसूली में हमें कुछ हद तक सख्ती बरतनी होगी. अगर टैक्स की रकम अधिक है तो वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले बकायादारों से किस्तों में टैक्स लेने का विकल्प रखना होगा.

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