Mahashivaratri 2023 kab hai: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत महत्‍व है और इस दिन अधिकांश लोग व्रत या उपवास रखते हैं. शिव भक्‍त इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं. इस दिन रुद्राभिषेक करना, विधि-विधान से पूजा करना बहुत लाभ देता है. मान्‍यता है कि महाशिवरात्रि का व्रत-पूजा करने से भक्‍तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. लेकिन महाशिवरात्रि का उपवास करते समय कुछ नियमों का जरूर ध्‍यान रखना चाहिए, वरा व्रत का संपूर्ण फल नहीं मिल पाता है. आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि व्रत में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

महाशिवरात्रि व्रत नियम 

– धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी व्रत-उपवास या पूजा से पहले संकल्प लेना बहुत जरूरी है. यदि संकल्‍प ना लिया जाए तो उस व्रत-पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है. इसके लिए सुबह स्नान करने के बाद हाथ में थोड़ा सा जल और चावल के दाने लेकर शिवजी के सामने व्रत करने का संकल्प करें. यदि आप फलाहार करके व्रत कर रहे हैं, या निराहार रहकर व्रत कर रहे हैं तो उसके अनुरूप संकल्‍प लें. साथ ही अपनी कोई मनोकामना है तो उसे भी पूरी करने की भोलेनाथ से प्रार्थना करें.

– महाशिवरात्रि व्रत रख रहे हैं तो अपने मन को भी पवित्र रखें. कोई बुरे विचार मन में नहीं लाएं. किसी से बुरा नहीं बोलें और ना ही किसी का अपमान करें. पूरे दिन सात्विक आचरण करें.

– महाशिवरात्रि के दिन अपना ज्‍यादा से ज्‍यादा समय भोलेनाथ की भक्ति में लगाएं. संभव हो तो रात्रि जागरण भी करें. धर्म ग्रंथों के अनुसार, जो व्यक्ति महाशिवरात्रि की रात को जागकर चारों प्रहर में शिवजी की पूजा करते हैं, उनहें पूरे साल में की गई शिवपूजा करने जितना फल मिलता है. साथ ही उनकी सारी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं.

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