दुर्ग / माननीय उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ बिलासपुर द्वारा पारित अन्तरिम आदेश के परिपालन में शिक्षण संस्थाओं की शैक्षणिक गतिविधियां, वृद्धजनों, निःशक्तजनों, बीमार व्यक्तियों के स्वास्थ्य तथा लोक शांति को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने कोलाहल अधिनियम-1985 की धारा 18 तथा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला दुर्ग की सीमा के अंतर्गत समस्त शासकीय, अशासकीय हॉस्पिटल, समस्त शासकीय, अशासकीय शैक्षणिक संस्थान, जिला एवं सत्र न्यायालय तथा अन्य न्यायालय, धार्मिक संस्थाओं व समस्त शासकीय कार्यालय क्षेत्र के 100 मीटर की परिधि को शांत परिक्षेत्र (जोंस ऑफ साइलेंस) घोषित किया है।

द नॉइज पॉल्युशन रूल्स, 2000 के नियम 3(1) एवं 4(1) के तहत परिवेशीय ध्वनि पैमाने की सीमा दिन (सुबह 6 बजे से 10 बजे तक) एवं रात (रात्रि 10 बजे से 6 बजे तक) हेतु पृथक-पृथक एरिया निर्धारित किया गया है। जिसके अनुसार औद्योगिक क्षेत्र हेतु दिन के समय के लिए 75 डीबी एवं रात के समय के लिए 70 डीबी सीमा निर्धारित की गई है। इसी प्रकार वाणिज्यिक क्षेत्र हेतु दिन के समय के लिए 65 डीबी एवं रात के समय के लिए 55 डीबी, आवासीय क्षेत्र हेतु दिन के समय के लिए 55 डीबी एवं रात के समय के लिए 45 डीबी एवं शांत परिक्षेत्र हेतु दिन के समय के लिए 50 डीबी एवं रात के समय के लिए 40 डीबी सीमा निर्धारित किया गया है। आदेशानुसार शांति परिक्षेत्र- अस्पताल, शिक्षण संस्थाएं, न्यायालय, धार्मिक संस्थाएं आदि के 100 मीटर दूरी तक पटाखे फोड़ना, प्रेशर हॉर्न या म्यूजिकल हॉर्न या अन्य किसी प्रकार के साउण्ड एम्प्लीफायर का उपयोग प्रतिबंधित है। जिला दण्डाधिकारी का आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है एवं आदेश का उल्लंघन अधिनियम की धारा 15 के अधीन दण्डनीय है।

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