लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी दल तैयारयों में जुट गए हैं. हालांकि दिल्ली की सत्ता की चाबी उत्तर प्रदेश के हाथों में है. इस एक प्रदेश के चुनावे नतीजे लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक अहमियत रखते है. यूपी में बीजेपी, एसपी, बीएसपी, कांग्रेस समेत अन्य दल चुनावी तैयारियों में लगे हैं. लेकिन इस बार एसपी और बीएसपी ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में यह सवाल गूंज रहा है कि दोनों दलों की इस घोषणा से बीजेपी को फायदा होगा या नुकसान?

बता दें मायावती ने अपने जन्मदिन पर विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया था. अब इस एलान के कुछ ही दिन बाद अखिलेश यादव ने भी लोकसभा चुनाव में किसी और दल के साथ गठबंधन नहीं करने का एलान कर दिया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूपी का राजनीतिक पर गहरी नजर रखने वाले विश्लेषकों का यह मानना है कि कांग्रेस, सपा और बीएसपी अलग-अलग लड़ना, बीजेपी के लिए फायदे का सौदा है.

बीजेपी की बड़ी जीत तय

बीजेपी के खिलाफ राज्य में विपक्षी वोट एकजुट नहीं हो पाएंगे तो फिर एक बार लोकसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत तय है. गौरतलब है कि बीते दिनों आए एक सर्वे में भी बीजेपी को 80 में से 70 लोकसभा सीट मिलने का अनुमान जताया गया है.

2019 में साथ आए थे दोनों दल

वैसे इससे पहले 2019 में बीजेपी एसपी-बीएसपी गठजोड़ को पराजित करने में सफल रही थी. गौरतलब है कि लोकसभा 2019 में दोनों दलों ने बीजेपी को चुनौती देने के लिए अपने तमाम गिले शिकवे भूलकर साथ आने का फैसला किया था. इसे अन्य दलों का भी सर्मथन मिला.

सपा-बसपा महागठबंधन से उम्मीदें तो बहुत थीं लेकिन चुनाव में यह कुछ खास कमाल दिखा नहीं पाया. बीजेपी शानदार जीत हासिल करने में कामयाब रही. उसके खाते में 62 सीटें आईं. वहीं यूपी में काफी मशक्क्त के बाद बसपा के खाते में 10 सीटें आईं जबकि सपा सिर्फ 5 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सका. इस नाकामी के बाद सपा-बसपा गठजोड़ के टूटने में देर नहीं लगी.

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