
FTA से खुलेगा नया व्यापारिक अध्याय, भारत-यूके संबंधों को मिलेगी नई ऊंचाई
नई दिल्ली/लंदन। भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) अब अंतिम चरण में है और जल्द ही दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों – नरेंद्र मोदी और कीर स्टारमर की उपस्थिति में इस ऐतिहासिक करार पर हस्ताक्षर होंगे।
ब्रिटिश सरकार ने गुरुवार को कहा कि यह FTA भारत और ब्रिटेन के बीच बाजार पहुंच को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएगा, जिससे द्विपक्षीय व्यापार हर साल लगभग 34 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा।

6 मई को बनी थी समझौता की रूपरेखा
दोनों देशों के बीच इस व्यापारिक करार को लेकर सहमति 6 मई 2025 को बन चुकी थी। इस समझौते का मुख्य लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 120 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
इसमें भारतीय निर्यात पर 99% टैक्स राहत और ब्रिटिश उत्पादों पर 90% शुल्क में कटौती जैसे प्रमुख बिंदु शामिल हैं।
🔹 भारतीय उपभोक्ताओं को मिलेंगे उच्च गुणवत्ता वाले ब्रिटिश उत्पाद
इस समझौते के तहत भारत में उपभोक्ताओं को ब्रिटिश कारें, कॉस्मेटिक्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स और मेडिकल डिवाइसेज़ जैसे उत्पाद अब कम कीमत पर मिल सकेंगे। औसतन 15% का आयात शुल्क घटाकर 3% कर दिया जाएगा, जिससे इन उत्पादों की कीमतें गिरेंगी।
🔸 ब्रिटिश उपभोक्ताओं को भी मिलेगा फायदा
ब्रिटिश सरकार के मुताबिक, ब्रिटेन हर साल भारत से 11 अरब पाउंड के कपड़े आयात करता है। अब भारतीय वस्तुओं पर शुल्क में राहत मिलने से वहां के खरीदारों और व्यवसायों के लिए भारतीय सामान सस्ता और सुलभ हो जाएगा।
🔹 ‘ब्रिटेन के लिए बड़ी जीत’ – प्रधानमंत्री कीर स्टारमर
ब्रिटेन के पीएम कीर स्टारमर ने कहा कि यह FTA ब्रिटेन के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इससे हज़ारों नई नौकरियों का सृजन होगा, व्यवसायों के लिए नए दरवाजे खुलेंगे और देशव्यापी आर्थिक विकास को मजबूती मिलेगी।
इस व्यापार समझौते के फायदे संक्षेप में:
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34 अरब डॉलर तक व्यापार को बढ़ावा
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भारतीय उत्पादों पर ब्रिटेन में टैक्स कटौती
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ब्रिटिश उत्पादों पर भारत में टैक्स में राहत
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दोनों देशों के उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
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नई नौकरियों और निवेश के अवसर
