
अमेरिका के दबाव के बीच भारत ने दिया दो टूक जवाब, तेल खरीद राष्ट्रीय हितों पर आधारित
नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा रूस से तेल और रक्षा आयात को लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिशों के बीच, भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि रूसी तेल आयात नहीं रोका गया है। मीडिया में सामने आई उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया गया है, जिसमें कहा गया था कि भारत की सरकारी रिफाइनरी कंपनियों ने रूस से कच्चे तेल की खरीद अस्थाई रूप से रोक दी है।
तेल खरीद पर भारत का स्पष्ट स्टैंड – बाजार और राष्ट्रीय हित पहली प्राथमिकता
सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारत की ऊर्जा खरीद बाजार की ताकतों और रणनीतिक राष्ट्रीय हितों पर आधारित है। सरकार के पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि किसी भी सरकारी रिफाइनरी ने रूसी तेल की खरीद बंद की है।

IOC, BPCL, HPCL ने तेल खरीद नहीं रोकी – सूत्र
ANI को दिए बयान में एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया कि भारतीय रिफाइनरी कंपनियां अभी भी रूसी तेल की आपूर्ति ले रही हैं। उनके फैसले कीमत, तेल की गुणवत्ता, लॉजिस्टिक्स और भंडारण जैसे आर्थिक कारकों पर आधारित होते हैं।
🇺🇸 ट्रंप का बयान – भारत ने अगर रूसी तेल बंद किया तो यह अच्छा संकेत
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय कंपनियों द्वारा रूस से तेल खरीद बंद करने की अटकलों का समर्थन किया। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके पास इसकी पुष्टि नहीं है। ट्रंप ने कहा, “अगर भारत ने रूस से तेल लेना बंद किया है, तो यह एक अच्छा कदम है।”
अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगाने का लिया फैसला, फिलहाल 7 अगस्त तक टाली गई कार्रवाई
1 अगस्त से भारत पर 25% टैरिफ लागू करने का निर्णय लिया गया था, जिसे अब 7 अगस्त तक स्थगित किया गया है। इसके साथ ही अमेरिका ने रूस से तेल और डिफेंस आयात पर भी प्रतिबंध और जुर्माने की चेतावनी दी है।
अमेरिका का कहना है कि रूस पर आर्थिक दबाव डालकर यूक्रेन युद्ध को समाप्त किया जाना चाहिए, और भारत जैसे देश इसमें भागीदार बनें।
