टोरंटो। कनाडा में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में नई ऊर्जा दिखाई दे रही है। पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के जाने और मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है।
हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में हुए G-20 शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की गर्मजोशी भरी मुलाकात ने इस सुधार की दिशा को और मजबूत किया।
भारतीय उच्चायुक्त दिनेश के. पटनायक की बड़ी पहल
भारत-कनाडा संबंधों को नई गति देने के लिए भारतीय उच्चायुक्त दिनेश के. पटनायक ने कनाडा की हाउस ऑफ कॉमन्स की स्पीकर फ्रांसिस स्कार्पालेगिया से मुलाकात की।
बैठक में इन मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई:
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दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग बढ़ाना
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साझा लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करना
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भविष्य के सहयोग की संभावनाओं पर विचार
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द्विपक्षीय रिश्तों को नए स्तर पर ले जाने की रणनीति
भारतीय उच्चायोग ने X (पूर्व में ट्विटर) पर इस बैठक की जानकारी साझा की।
जनवरी में भारत करेगा कनाडाई प्रतिनिधिमंडल का स्वागत
भारत अगले महीने होने वाले कॉमनवेल्थ देशों के संसदों के स्पीकर और पीठासीन अधिकारियों के 28वें सम्मेलन (CSPOC) में
स्पीकर फ्रांसिस स्कार्पालेगिया के नेतृत्व वाले कनाडाई प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करेगा।
भारतीय उच्चायोग ने इसे द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया।
ट्रूडो सरकार में बिगड़े थे रिश्ते
जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में भारत और कनाडा के संबंध इतिहास के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे।
परंतु नई सरकार के आने के बाद हालात तेजी से बदल रहे हैं।
बुधवार को भारतीय उच्चायुक्त पटनायक ने कनाडा की आव्रजन, शरणार्थी एवं नागरिकता मंत्री लीना मेटलेज डियाब से भी मुलाकात की, जिसमें इन मुद्दों पर चर्चा हुई—
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द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करना
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इमिग्रेशन प्रक्रियाओं को आसान बनाना
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भारतीय छात्रों से जुड़े मुद्दों का समाधान
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दोनों देशों की प्रणालियों की बेहतर समझ
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पीपल-टू-पीपल कनेक्ट बढ़ाने पर जोर
इस बैठक को भी बेहद उत्पादक बताया गया।