जैसे-जैसे विज्ञान ने प्रगति की, उन कामों को भी मशीनों के ज़रिये किया जाने लगा, जो पहले इंसान किया करते थे. इसके पीछे की वजह साफ है क्योंकि मशीनें कम वक्त में ज्यादा काम कर सकती हैं, इसलिए उन्हें तरजीह दी गई. इसके अलावा जहां इंसान नहीं जा सकते, वहां भी मशीनों को ऑपरेट करके भेजा जा सकता है. यही वजह है कि ज्यादातर अंतरिक्ष के मिशन में रोबोट्स का ही सहारा लिया जाता है.

मार्स पर अब तक रोबोट के ज़रिये जो कुछ भी पता लगाया गया है, उसे तो आप जानते ही होंगे. अब नासा से Mars Exploration Program Analysis Group ने अपील की है कि वहां रोबोट के बजाय इंसानों को भेजा जाए. उनका कहना है कि इंसान रोबोट्स से बेहतर और जल्दी काम कर देते हैं. मशीनें सिर्फ समय खराब कर रही हैं.

रोबोट से जल्दी काम करते इंसान

एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम एनालिसिस ग्रुप का कहना है कि अब मार्स पर इंसानों को भेजे जाने का समय आ गया है. उनका कहना है कि इंसानों की बनाई हुई मशीनें पहले ही वहां मौजूद हैं लेकिन उनकी डेटा प्रोसेसिंग इतनी स्लो है कि वो इस काम में सालों लगा देंगे. अगर इंसान इसी मिशन को लेकर जाते तो ये काम मशीनों की तुलना में सालों पहले कर देते. स्पेस डॉट कॉम से बात करते हुए इस स्टडी के प्रमुख ब्रुस जैकोस्की ने कहा है कि हम देख रहे हैं कि मानव सहित मार्स मिशन को लेकर बहुत कुछ किया जा रहा है लेकिन विज्ञान अब तक इसे टेबल पर भी नहीं ला सका है.

अब इंसानों को भेजने का वक्त है …

उन्होंने नासा को ये सलाह दी है कि उन्हें अपने आने वाले आर्टेमिस मिशन जैसे प्रोजेक्ट्स को लेकर नई प्लानिंग करनी चाहिए. उन्हें अंतरिक्षयात्रियों को वहां तक भेजने के बारे में सोचना चाहिए ताकि विज्ञान और इंजीनियरिंग साथ में काम कर सकें. उन्होंने कहा कि इंसानों की ईवीए एक्टिविटी डेटा प्रोसेसिंग का काम जल्दी कर सकती है, जिसमें रोवर को काफी टाइम लगता है. ऐसे में नासा को मून मार्स मिशन जैसे आने वाले प्लान में अंतरिक्षयात्रियों को भेजने के बारे में सोचना चाहिए.

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