हमारा शरीर भी किसी पहेली से कम नहीं. आपने अपने शरीर में ऐसी कितनी ही चीजें देखी होंगी जो दिखती तो नॉर्मल हैं, लेकिन उनके पीछे का लॉजिक काफी अलग और चकित कर देने वाला होता है. आपने कभी अपने हाथ की नसों पर गौर किया है? इन नसों में हमेशा लाल खून दौड़ता रहता है. आपको जब चोट लगती है, कटता या छिलता है, तब तो इन्हीं नसों में से लाल खून बाहर आता है. फिर ये नसें हमेशा नीली या जामुनी रंग की क्यों नजर आती हैं? साइंस क्या कहता है? अजबगजब नॉलेज सीरीज में आज बात इसी की.
मेडिकल साइंस के मुताबिक, खून का रंग हमेशा ही लाल होता है. लेकिन यह लाल रंग के किस शेड में होगा, यह निर्भर करता है रक्त को मिलने वाले ऑक्सीजन पर. आमतौर पर यह धारण होती है कि जिस खून में ऑक्सीजन की मात्रा ज्यादा होती है, वह ज्यादा लाल होता है, जबकि अगर खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो तो वह नीला होने लगता है. लेकिन यह सच नहीं है. खून में जो ऑक्सीजन होता है दरअसल, वह रेड ब्लड सेल्स यानी लाल रक्त कणिकाओं में मौजूद होता है. रेड ब्लड सेल्स में भी वह हीमोग्लोबिन में छिपा हुआ होता है. जब भी आप सांस लेते हैं तो रेड ब्लड सेल्स ऑक्सीजन से भर जाते हैं और इनका रंग गहरा लाल हो जाता है. लेकिन जब यही रक्त शरीर के अन्य हिस्सों में जाने लगता है तो ऑक्सीजन कम होने लगता है. क्योंकि शरीर के अंग इसी से ऑक्सीजन लेते हैं. फिर इन सेल्स में कार्बनडाई ऑक्साइड भरने लगता है. लेकिन इनसे भी खून का रंग नहीं बदलता.
खून का रंग नीला या काला नहीं होता
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. क्लेबर फेरट्रिन के मुताबिक, शरीर के सभी टिश्शू यानी ये कहें कि सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के बाद यही खून फिर फेफड़ों में वापस जाता है. तब भी यह खून लाल रंग का ही होता है. कहने का साफ-साफ मतलब है कि कभी भी इंसान के खून का रंग नीला या काला नहीं होता. सिर्फ शेड में बदलाव आता है.
नस का नीला दिखना सिर्फ एक भ्रम
नस का नीला दिखना सिर्फ एक भ्रम है. क्योंकि नसें त्वचा की बिल्कुल पतली सी परत के नीचे होती हैं. हमें जो चीज नजर आती है वह रेटिना के वेवलेंथ पर निर्भर करती है. हमारी स्किन में कई परतें होती हैं जो वेवलेंथ को बिखेर देती हैं, जिससे रेटिना को भ्रम हो जाता है. प्रकाश की नीली और हरी वेवलेंथ हमेशा लाल वेवलेंथ से छोटी होती है. इसलिए हमारी त्वचा लाल रंग को अवशोषित कर लेती है और नीली या हरी किरणें हमारी रेटिना से आकर टकराती हैं. यही वजह है कि लाल खून होने के बावजूद नसें नीली नजर आती हैं.