उत्तरप्रदेश पुलिस ने एक ऐसे हनीट्रैप गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी, लड़कियां, महिलाएं और युवक शामिल थे। आरोपियों ने हनीट्रैप के जाल में फंसाकर करीब 35 लोगों से ढाई करोड़ की ठगी की थी। गैंग का शिकार हुए लोगों में पुलिसकर्मी, दुकानदार, रिटायर्ड अधिकारी शामिल है। दरअसल, बरेली के कैट थाने में तीन एफआईआर दर्ज की गई थी। तीनों शिकायतों में दोस्ती कर ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया गया था।
एक शिकायत में पीलीभीत के एसओ राजेन्द्र सिंह पर न्यूड वीडियो कॉल करने का आरोप लगाया गया था। एसएसपी बरेली प्रभाकर चौधरी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कराई। जांच रिपोर्ट में महिला की शिकायत को सहीं पाया गया और एसओ को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं इस मामले में कई युवती और युवकों को भी पकड़ा गया है। ये सभी 2019 से लोगों को अपने जाल में फंसाकर ब्लैकमेल कर रहे थे।
खुलासा हुआ है कि इस गैंग में फंसाकर आरोपी मोटी रकम पीड़ितों से वसूलते थे। अगर पीड़ित पैसों की डिमांड पूरी नहीं करते तो उनके न्यूड वीडियो को वायरल करने और इंटरनेट पर अपलोड करने की धमकी आरोपी देते थे। पुलिस की अभी तक की जांच में यह बात भी सामने आई है कि हनीट्रैप गैंग 2019 से लेकर अब तक करीब 2 से 2.5 करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है।
मुकदमा दर्ज कराने वाली एनजीओ से जुड़ी 28 साल की महिला ने पुलिस बताया कि हनीट्रैप गैंग में 30 से 35 लोग फंस चुके हैं, जिनमें रिटायर्ड अधिकारी और पुलिसकर्मी, व्यापारी नेता भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि एसएसपी बरेली के पास करीब आधा दर्जन शिकायते हनीट्रैप और ब्लैकमेलिंग की आई है। मामले में जांच की जा रही है। जल्द ही इस पूरे प्रकरण का खुलासा भी किया जाएगा।