रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार के वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को उच्च शिक्षा, पर्यटन एवं संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए तथा विभिन्न कार्ययोजनाओं पर चर्चा हुई।
श्री बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि, सरकार छत्तीसगढ़ की उच्च शिक्षा को शोध परक और रोजगारमुखी बनाने की दिशा में काम कर रही है। जिसके लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है। सभी विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति के तहत कार्य किया जाएगा।
सिंगल वेब पोर्टल की मदद से सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश और शिक्षण कार्य की निगरानी की जायेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि, शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए शिक्षकों की कमी एक बड़ी समस्या है जिसको ध्यान में रखते हुए।
विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में रिक्त शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने का आदेश जारी कर दिया गया है। इसके अलावा अधिकारियों को पदोन्नति एवं वेतन विसंगति के प्रकरणों के जल्द से जल्द निराकरण के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
होनहार गरीब विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जिला स्तर पर कोचिंग सेंटर शुरू करने के निर्देश दिए गए है।
श्री अग्रवाल का यह भी कहना है कि, शिक्षण में एक्सपर्ट की कमी को दूर करने के लिए सेवानिवृत विषय विशेषज्ञ की सेवा लेने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।
ऑटोनोमस कॉलेज को अधिक स्वायत्त प्रदान की जाएगी। नए कोर्स शुरू करने के लिए 30 दिन में अनुमति सुनिश्चित करने को कहा गया है। साथ ही राज्य में निजी विद्यालय और विश्वविद्यालय खोलने वाली संस्थाओं को सरकार पूरा सहयोग करेगी। उनको समयबद्ध सीमा में अनुमति प्रदान की जाएगी।
श्री अग्रवाल ने अधिकारियों को सभी सरकारी एवं गैर सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों में एनसीसी, एनएसएस, रेड क्रॉस तथा स्काउट एंड गाईड के संचालन के निर्देश दिए हैं जिससे युवाओं में देश भक्ति के साथ ही सेवा भाव भी जागृत हो।
इतना ही नहीं उच्च शिक्षा मंत्री ने सुदूर इलाकों में रहने वाले गरीब विद्यार्थियों को जल्द ही 6000 रुपए यात्रा भत्ता देने के भी निर्देश दिए। जिसके लिए कार्ययोजना तैयार है। श्री अग्रवाल ने पर्यटन एवं संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की भी समीक्षा बैठक ली।
उनका कहना है कि, छत्तीसगढ़ की पहचान यहां की समृद्ध संस्कृति और प्राकृतिक विविधता है। जिसको विश्व पटल पर अलग पहचान दिलाने के लिए भाजपा सरकार सदैव ही प्रयासरत रही है। जल्द ही राज्य के पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिलाने के साथ ही यहां की 5 शक्ति पीठों और विभिन्न धार्मिक स्थलों में कॉरिडोर निर्माण की योजना पर जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा। इसके अलावा राज्य की सांस्कृतिक विरासत को विभिन्न महोत्सवों के जरिए देश दुनिया में पहुंचाया जाएगा।
शक्तिपीठ योजना के क्रियान्वयन के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाए।शक्तिपीठ के स्थलों में यात्रियों के लिए शेल्टर, गार्डन, पब्लिक टॉयलेट का निर्माण किया जाए तथा बेसिक एमेनिटी की सुविधा यात्रियों को दिया जाना है। प्रशाद योजना के अंतर्गत डोंगरगढ़ के निर्माणाधीन कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करवाया जाए।
रोपवे निर्माण के लिए एक्ट बनाया जाए उत्तराखंड और हिमाचल राज्य में निर्मित एक्ट का अध्ययन कर उसके अनुरूप कार्रवाई की जाए। टूरिज्म प्रमोशन के लिए स्टेट मार्केटिंग सेल का गठन किया जाएगा। चंदखुरी और राजिम में पर्यटन कॉरिडोर निर्माण के लिए शीघ्र एजेंसी नियुक्त निर्देशित किया गया।
इस कॉरिडोर के निर्माण में पीडब्ल्यूडी और इरिगेशन डिपार्मेंट छत्तीसगढ़ शासन को भी इंवॉल्व किया जाएगा। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड की ऑपरेशनल इकाइयों को भी मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट पर दिए जाने हेतु कार्रवाई शीघ्र करने के निर्देश दिए गए।
सिरपुर और बार नवापारा वाइल्डलाइफ सैंचूरी को संयुक्त रूप से यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल करने हेतु प्रक्रिया प्रारंभ किए जाने के निर्देश दिए गए। उक्त कार्य हेतु स्टेट बजट से कार्य किए जाने के निर्देश दिए गए।
राम वनगमन पर्यटन परिपथ के कार्यों के शेष बजट में से छत्तीसगढ़ के अन्य राम वनगमन परिपथ के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों को जोड़कर उन्हें विकसित किए जाने हेतु निर्देशित किया गया।
महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों, पुरातात्विक स्थलों और धार्मिक स्थलों में पूजन सामग्री दुकानों एवं अन्य दुकानों में एक रुकता हेतु कियॉस्क बनाए जाने के निर्देश दिए इस हेतु दुकानदारों को शासन से सब्सिडी प्रदान करने हेतु प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए।
टूरिज्म बोर्ड के संचालित इकाइयों के मेंटेनेंस हेतु विशेष रूप से ध्यान देने तथा रिक्त पदों को त्वरित गति से भरने हेतु प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए।