नई दिल्ली. जहां एक ओर बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर इंटरेस्ट रेट बढ़ा रहा है वहीं दूसरी ओर एमसीएलआर (MCLR) में भी बढ़ोतरी कर रहा है जिससे ग्राहकों के लिए सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. प्रमुख निजी क्षेत्र के ऋणदाता एचडीएफसी बैंक ने सावधि जमा पर ब्याज दरों को संशोधित किया है. नई दरें आज 18 नवंबर 2022 से प्रभावी हैं. इसके अलावा Axis बैंक ने 18 नवंबर से विभिन्न कार्यकालों के लिए फंड-आधारित उधार दर (MCLR) की सीमांत लागत में 10 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की है. नई बेंचमार्क उधार दरें 8.25% से कम से लेकर 8.60% तक है.
बैंक के ग्राहकों को अब लोन पर बढ़ी हुई ईएमआई (EMI) चुकानी होगी. रिजर्व बैंक के रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद से ही निजी और सरकारी बैंक भी अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं.
एचडीएफसी बैंक एफडी दरें
प्रमुख निजी क्षेत्र के ऋणदाता एचडीएफसी बैंक ने ₹2 करोड़ से ₹5 करोड़ तक की सावधि जमा पर ब्याज दरों को संशोधित किया है. बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, नई दरें आज 18 नवंबर 2022 से प्रभावी हैं. संशोधित दरें घरेलू/एनआरओ/एनआरई जमा पर लागू हैं. संशोधन के बाद, बैंक अब आम जनता के लिए 3.75% से 6.25% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 4.25% से 7.00% तक की ब्याज दर की पेशकश कर रहा है.
एक्सिस बैंक MCLR रेट
नवीनतम रिलीज के अनुसार, एक्सिस बैंक में 18 नवंबर से 1 साल की एमसीएलआर लगभग 8.45% है, जबकि पिछली दर 8.35% थी. 2 साल की एमसीएलआर 8.55% पर सेट है, वहीं 3 साल के कार्यकाल पर 8.60% है. इसके अलावा, 6 महीने और 3 महीने के कार्यकाल के लिए MCLR को 8.30% और 8.25% की तुलना में क्रमशः 8.40% और 8.35% कर दिया गया है. 1 महीने और रात भर के कार्यकाल के लिए MCLR को पहले के 8.15% के मुकाबले बढ़ाकर 8.25% कर दिया गया है.
क्या होती है एमसीएलआर?
एमसीएलआर या मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट वह न्यूनतम दर है, जिस पर कोई बैंक अपने ग्राहकों को लोन की पेशकश करता है. लेंडिंग रेट में किसी भी बदलाव का लोन की दरों पर सीधा प्रभाव पड़ता है. जब लोन पर ब्याज दर बढ़ती है, तो ईएमआई भी स्वत: ही बढ़ जाती है. इसलिए अब एसबीआई के ग्राहकों को एमसीएलआर से लिंक्ड लोन्स पर बढ़ी हुई ईएमआई देनी होगी.