भिलाई [न्यूज़ टी 20] नई दिल्ली. देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक में विलय (HDFC Bank and HDFC merger) की प्रक्रिया शुरू हो गई है. एचडीएफसी के विलय के बाद एचडीएफसी बैंक दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में शुमार हो जाएगा.
यह मर्जर वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है. एचडीएफसी बैंक के सीईओ शशिधर जगदीशन विलय की गई इकाई के प्रमुख होंगे. दोनों वित्त संस्थानों के बीच विलय यह सौदा करीब 6 हजार करोड़ डॉलर यानी लगभग 4.53 लाख करोड़ रुपये का है.
सौदा पूरा होने पर एचडीएफसी बैंक की बाजार पूंजी लगभग 15.12 लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंच जाएगी. एक्सपर्ट बताते हैं कि मार्केट कैपिटल के मामले में एचडीएफसी बैंक दुनिया के चौथे सबसे बड़े बैंक चाइना कंस्ट्रक्शन बैंक कॉरपोरेशन को टक्कर देगा.
कितने मिलेंगे शेयर
इस डील के तहत एचडीएफसी बैंक 100 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारकों के स्वामित्व में होगा. विलय के बाद HDFC लिमिटेड के मौजूदा शेयरधारकों के पास एचडीएफसी बैंक में 41 फीसदी हिस्सेदारी होगी. एचडीएफसी लिमिटेड के प्रत्येक 25 इक्विटी शेयरों के लिए एचडीएफसी बैंक के 42 इक्विटी शेयर मिलेंगे.
म्यूचुअल फंड निवेशकों पर असर
इस विलय का सबसे ज्यादा असर म्यूचुअल फंड निवेशकों पर पड़ेगा. म्यूचुअल फंड्स के लिए ये दोनों ही स्टॉक पसंदीदा रहे हैं. फंड हाउसों ने बड़े पैमाने पर इन दोनों फंड में निवेश किया है. लेकिन विलय के बाद दोनों की स्टॉक अब एक हो जाएंगे.
यहां पर निवेशकों के सामने बाजार नियामक सेबी का नियम दिक्कत पैदा करेगा. क्योंकि सेबी का नियम कहता है कि कोई भी फंड मैनेजर एक स्टॉक में टोटल पोर्टफोलियो का ज्यादा से ज्यादा 10 परसेंट ही निवेश कर सकता है.
ऐसे कई फंड्स हाउस हैं जिनका दोनों कंपनियों को मिलाकर कुल स्टॉक 10 परसेंट से ज्यादा है. अब जब दोनों स्टॉक एक हो रहे हैं तो फंड हाउस को असेट अलोकेशन में बदलाव करना होगा ताकि कुल निवेश की लिमिट 10 फीसदी से ज्यादा न हो.