Happy New Year 2023: नए साल का इंतजार अब खत्म होने वाला है. कुछ ही घंटों में साल 2022 गुजरे जमाने की बात हो जाएगी. घड़ी की तीनों सुई आज 31 दिसंबर की रात 12 पर जाते ही हम नए साल में प्रवेश कर जाएंगे. इसके बाद पूरी दुनिया में नए साल का जश्न शुरू हो जाएगा. दिलचस्प बात यह है कि दुनिया के हर देश में कुछ वक्त के फासले पर नए साल का आगाज होता है. भारत जब नए साल का स्वागत कर रहा होगा.. तब तक दुनिया के कई देश नए साल का जश्न मना चुके होंगे. आइये आपको बताते हैं किस देश में सबसे पहले और कहा सबसे अंत में नया साल मनाया जाता है…

किस देश में सबसे पहले मनता है न्यू ईयर?

सबसे पहले Oceania में नया साल मनाया जाता है. टोंगा, समोआ और किरिबाटी देशों में सबसे पहले न्यू ईयर सेलिब्रेट किया जाता है. टोंगा में सबसे पहले दिन की शुरुआत होती है. जाहिर तौर पर न्यू ईयर सेलिब्रेशन भी यहां सबसे पहले मनाया जा रहा है. भारतीय समय के अनुसार 31 दिसंबर की शाम 3:30 बजे समोआ और क्रिसमस आइलैंड/किरीबैती में नया साल शुरू हो गया है.

भारत में सबसे पहले सुबह कहां होती है?

जब बात एशिया की आती है तो जापान, दक्षिण कोरिया सबसे पहले नए साल का जश्न मनाते हैं. जापान और दक्षिण कोरिया भारतीय समय के अनुसार 31 दिसंबर की रात 8:30 बजे नया साल मनाने लगेंगे. भारतीय समय के अनुसार यूएस माइनर आउटलाइंग आइलैंड में सबसे अंत में 1 जनवरी शाम 5:35 पर नए साल का आगाज होता है. भारत में सबसे पहले सुबह अरुणाचल प्रदेश में होती है. अरुणाचल में डोंग वैली में सबसे पहले सूर्य की किरणें आती हैं.

कैसे हुई न्यू ईयर की शुरुआत

अब आपको बताते हैं कहां और कब नए साल की शुरुआत हुई. 4000 साल पहले बेबीलीन में नए साल का जश्न मनाया गया. लेकिन तब न्यू ईयर एक जनवरी नहीं बल्कि 21 मार्च को मनाया गया था. बसंत ऋतु के स्वागत में यह जश्न मनाया गया था. 1 जनवरी को न्यू ईयर का जश्न पहली बार 15 अक्टूबर 1582 में मनाया गया था. इसकी शुरुआत रोमन शासक जूलियस सीजर ने की थी. 

कहां कैसे मनाया जाता है न्यू ईयर

डेनमार्क में लोग नए साल के जश्न की शुरुआत प्लेट तोड़कर करते हैं. विन्सेनेस में लोग ऊंचाई से तरबूज को फेंककर नया साल मनाते हैं. स्पेन में अंगूर खाकर न्यू ईयर मनाया जाता है. रोमानिया में नए साल पर लोग सालों से भालू की पोशाक पहनते आ रहे हैं. नए साल पर जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में घंटी बजाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है. वहीं, दक्षिण अफ्रीका के कुछ हिस्सों में लोग नए साल पर पुरानी चीजें घर से बाहर फेंकते हैं.

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