Halal Hotels in the World: दुनिया के कई देशों में इन दिनों ‘हलाल हॉलिडेज’ शब्द चर्चा में आ रहा है. आखिर यह हॉलिडेज क्या है. क्या इसका मुसलमानों से कोई संबंध है या फिर टूरिज्म इंडस्ट्री का बिजनेस बढ़ाने का कोई नया शिगूफा है. संभव है कि ऐसे ही कई सवाल आपके भी मन में आ रहे होंगे. ऐसे में आज हम आपको इसके बारे में डिटेल में बताने जा रहे हैं. जिसके बाद आप भी इस शब्द की असलियत को समझ पाएंगे.
आखिर क्या होता है हलाल?
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि हलाल (Halal) शब्द आखिर है क्या. असल में अरबी में हलाल का अर्थ है कि इस्लाम के अनुयायियों के लिए क्या करना सही है. इसमें रहने, खाने-पीने और संबंध बनाने तक के नियम शामिल हैं. इस हिसाब से हलाल हॉलिडेज़ उन जगहों से हुआ, जहां पर मुसलमान अपनी धार्मिक मान्यताओं से समझौता किए बगैर जा सकते हों.
दिया जाता है मुस्लिम वातावरण
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक हलाल होटलों (Halal Hotel) में मांसाहारी खाना परोसा जाता है. इसमें गाय, भैंस, ऊंट, बकरे, भेड़ समेत बड़े जानवरों का मीट शामिल होता है. हालांकि इस्लाम में हराम सुअर का मांस इसमें शामिल नहीं होता है. वहां पर महिला- पुरुषों के लिए अलग-अलग स्वीमिंग पूल और रेस्त्रां होते हैं. उन होटलों में नमाज़ के लिए चटाई उपलब्ध करवाई जाती है. वे होटल उन जगहों पर होते हैं, जहां पर सभी पर्यटक पूरे कपड़ों में दिखते हैं.
मुस्लिम देशों में दिया जा रहा बढ़ावा
ग्लोबल मुस्लिम ट्रैवल इंडेक्स (Global Muslim Travel Index) के दावे को सच माने तो वर्ष 2022 में हलाल ट्रैवल बिजनेस कई बिलियन डॉलर का हो चुका है. मालदीव जैसे मुस्लिम देशो ने तो अपने एक चौथाई होटलों को मुस्लिम वातावरण के लिहाज से ढाल दिया है. गैर मुस्लिम देशों में खुले होटल अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए हलाल हॉलिडेज (Halal Holidays) को बढ़ावा दे रहे हैं.
गैर- मुस्लिम देशों में भी दिख रहा ट्रेंड
लंदन में वर्ष 1899 में खुले फाइव स्टार होटल लैंडमार्क की बात की जाए तो उसने भी हलाल हॉलिडेज को कांसेप्ट को अपना लिया है. वहां पर हलाल मांस परोसा जाता है. हलाल मांस (Halal Holidays) वह होता है, जिसमें जानवर को तड़पा-तड़पा कर मारा जाता है. जानवरों को इस तरह मारने के लिए होटल के स्टाफ को बाकायदा ट्रेनिंग दी जाती है.
मुस्लिम पर्यटकों के लिए अलग से सुविधाएं
होटल (Halal Holidays) में एंट्री के लिए 2 दरवाजे बनाए गए हैं. उनमें से एक दरवाजा मुस्लिम महिलाओं के लिए बनाए गए हैं. जबकि दूसरा दरवाजा आम पर्यटको के लिए है. मुस्लिमों की एंट्री वाले दरवाजे के सामने एक लिफ्ट है, जो उन्हें सीधे उनके कमरे में पहुंचा देती है. ऐसा करके वे मुस्लिम महिलाएं बाकी पर्यटकों की नजरों में आने से खुद को बचा लेती हैं.