सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए मासिक शुल्क को माफ कर दिया अै. अब प्रदेश में जिन घरों में 2 किलोवाट तक के मीटर लगे हैं, उन्हें केवल खर्च की गई यूनिट का ही बिजली बिल भरना होगा. सरकार के इस फैसले से प्रदेश के करीब साढे नौ लाख बिजली उपभोक्ताओं को फायदा होगा. अब तक उपभोक्ताओं से बिजली विभाग प्रति किलोवाट 115 रुपये मासिक शुल्क के रूप में वसूल रहा था. खर्च की गई यूनिट के पैसों के साथ यह शुल्क जुड़ने से बिल बढ जाता था. हरियाणा सरकार ने बजट में मासिक शुल्क माफ करने की घोषणा की थी.
निगम के अधिकारियों ने बताया कि अगले बिल में मासिक शुल्क जुड़कर नहीं आएगा. सरकार के इस फैसले से प्रदेश के सबसे गरीब परिवारों को लगभग 180 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी. यह निर्णय अगले बिलिंग चक्र से लागू होगा. उपभोक्ताओं को उनके कुल बिजली बिल में न्यूनतम 2% से अधिकतम 91% ( 5 से 190 रुपए) तक की राहत मिल सकती है.
खपत के अनुसार भुगतान
उपभोक्ताओं को केवल खपत की गई बिजली यूनिट के लिए भुगतान करना होगा। उदाहरण के लिए, पहले अगर 1 किलोवाट लोड वाला परिवार एक महीने में 30 यूनिट बिजली की खपत करता था, तो बिल 197.5 रुपये आता था. मासिक शुल्क माफ होने से अब बिल 82.50 रुपए ही आएगा. इसी प्रकार 2 किलोवाट लोड वाले उपभोक्ता को एक माह में 30 यूनिट खपत करने पर 312.5 रुपए का भुगतान करना पड़ता था, क्योंकि प्रति किलोवाट लोड पर मासिक शुल्क 115 रुपए था. नए बिलिंग चक्र के तहत यह बिल घटकर 82.50 रुपए रह जाएगा, क्योंकि प्रति यूनिट शुल्क 2.75 रुपए है और कोई मासिक शुल्क नहीं लगेगा.