रायपुर। डोमिनोज पिज्जा फास्ट फूड कंपनी की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए रायपुर पुलिस ने बिहार के 2 अंतर्राज्यीय आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 9 मोबाइल, 9 नग एटीएम कार्ड, फिंगर प्रिंट स्केनर, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और पासपोर्ट जब्त किया है. साथ ही आरोपियों के खातों में जमा 6 लाख रूपये को होल्ड कराया गया है. वहीं अन्य आरोपी फरार हैं, जिनकी पतासाजी की जा रही है.
यह मामला टिकरापारा थाना क्षेत्र का है. आरोपी देश भर में फ्रेंचाइजी दिलाने सहित अलग-अलग तरीकों से लोगों को अपने झांसे में लेकर ठगी कर अपना शिकार बनाते है. जानकारी के अनुसार, टिकरापारा क्षेत्रांतर्गत संतोषी नगर निवासी प्रार्थी सुदिप्ता धारा ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि 9 अक्टूबर 2023 को उसके मोबाइल में नंबर 8981136219 से आरोपी का फोन आया,जो खुद को अभिषेक मण्डल बताने के साथ ही नोएडा से बोलना बताया और उसने प्रार्थी से कहा कि आपने डोमिनोज फ्रेंचाइजी के लिए अप्लाई किया था.
जिस पर प्रार्थी ने कहा हां मैंने अप्लाई किया था तो आरोपी ने प्रार्थी को अपनी बातों में लेकर डोमिनोज फ्रेंचाइजी दिलाने का झांसा देकर अलग-अलग बहाने से पैसों की मांग करते हुए अपने दिये गए बैंक खातों में अलग-अलग किश्तों में कुल 25 लाख 77 हजार 500 रूपये जमा कराकर प्राप्त कर प्रार्थी को डोमेनोज की फ्रेंचाइजी नहीं दिलाकर ठगी किया. जिसके खिलाफ थाने में धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया गया.
मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस अज्ञात आरोपी की पतासाजी में जुट गई. पुलिस मोबाइल और जिन बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किये गये थे उन बैंक खातों की भी जानकारी एकत्र कर आरोपी को लोकेट कर रही थी. इसी दौरान तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से आरोपियों कोे बिहार के जिला नालंदा में लोकेशन मिला. जिस पर एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट, रेंज सायबर थाना और टिकरापारा पुलिस की 6 सदस्यीय टीम बिहार पहुंची और आरोपियों के बिहार शरीफ स्थित मकान में होने की जानकारी मिलते ही रेड कार्रवाई कर सिकंदर कुमार और सूरज कुमार को पकड़ा. आरोपियों से पूछताछ करने पर दोनों आरोपियों के ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर ठगी की घटना को अंजाम देना बताया.
सिकंदर कुमार 12वीं पास है और वेब डिजाईनिंग का कोर्स किया है. वह गिरोह में योजना के मुताबिक किसी बड़ी नेशनल, इंटरनेशनल कंपनी का फर्जी वेबसाइट और वेब पेज बनाता है और गुगल के ऐड (विज्ञापन) प्लेटफार्म का उपयोग कर ऑनलाइन अपने शिकार तक पहुंच बनाता है. इस प्रकार प्रकरण में डोमिनोज के फर्जी वेबसाइट के झांसे में आकर प्रार्थी से फ्रेंचाइजी प्राप्त करने के लिये संपर्क करने पर आरोपियों ने उन्हें धोखाधड़ी में इतेमाल बैंक खाते नंबर उपलब्ध कराये. जिस पर प्रार्थी ने लाखों रूपये जमा किया था.
आरोपी सिकंदर कुमार ने पूछताछ में बताया और विवेचना में यह स्पष्ट है कि गुगल ऑनलाइन प्लेटफार्म में बहुत अधिक ऐसे फर्जी वेबसाइट है, जो देखने पर असली वेबसाइट की तरह प्रतीत होते है. परंतु वह वेरिफाइड नहीं होते है जिसके लॉगिन करते ही कस्टमर का पूरा विवरण आरोपियों के हाथ लग जाता है और गिरोह के सदस्य किसी को भी इस प्रकार की बड़ी धोखाधड़ी का शिकार बना लेते हैं.