रायगढ़ से श्याम भोजवानी

रायगढ़। भाजपा के सियासी पराभव से राजनैतिक वैभव का साक्षी रहा है- जशपुर राज परिवार। जशपुर राजघराने की चौथी पीढ़ी भी पूरी तन्मयता व निष्ठा के साथ भाजपा के संग कदमताल कर रही है, यही वजह है कि संगठन ने टिकट वितरण में इस बार जशपुर पैलेस का पूरा मान-सम्मान रखा है।अविभाजित मध्यप्रदेश से ही भगवा राजनीति में जशपुर राजघराने की अहम भूमिका रही है। ऑपरेशन घरवापसी के प्रणेता स्व. दिलीप सिंह जूदेव की पहचान एक प्रखर राष्ट्रवादी नेता के रूप में रही है।

स्व. जूदेव मध्यप्रदेश भाजपा की सियासत में खरसिया उपचुनाव 1988 के बाद ध्रुव तारे के मानिंद चमकने लगे। वहीं जांजगीर संसदीय सीट में दिलीप सिंह ने पहली बार भाजपा का परचम लहराया। जनसंघ के जमाने से राजनीति में सक्रिय स्व. जूदेव ने विधानसभा चुनावों में चुके हैं। भाजपा उम्मीदवारों को जिताने के लिये एक बार अपनी जमीन तक गिरवी रख दिया था। दिलीप सिंह जूदेव की राजनैतिक प्रयोगशाला ने अनेक होनहार सांसद व मंत्री दिए, यथा – नंदकुमार साय, विष्णुदेव साय व गणेशराम भगत।

जशपुर को सियासी उर्वरा भूमि को अपनी तपस्या व परिश्रम से सींचने में स्व. जूदेव के योगदानों को हर्गिज विस्मृत नहीं किया जा सकता है । स्व. जूदेव के भतीजे व पूर्व जशपुर रियासत के राज रणविजय प्रताप सिंह भी राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। वहीं स्व. जूदेव के पुत्र स्व. युद्धवीर प्रताप सिंह ने लगातार दो बार चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने जशपुर राजपरिवार को पर्याप्त तवज्जो दी है।

स्व. जूदेव के पुत्र प्रबल प्रताप सिंह को संगठन ने कोटा विधानसभा व जशपुर राज घराने की बहूरानी श्रीमती संयोगिता सिंह जूदेव को चंद्रपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। यहां यह बताना अनुचित नहीं होगा कि पूर्व में रणविजय सिंह के दादा सतना लोकसभा सीट व उनकी दादी रायपुर लोकसभा सीट से विद्याचरण शुक्ला के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी हैं।

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