भिलाई [न्यूज़ टी 20] Pitru Paksha 2022: हिंदू धर्म में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण-श्राद्ध आदि कर्म करने के लिए 15 दिन का पितृ पक्ष समर्पित किया गया है. पितृपक्ष में पितरों को तृपण करने से उनकी आत्मा को शांति प्राप्त होती है। ऐसा करने से कुंडली में पितृ दोष से भी निजात प्राप्त होता है।
बोला जाता हैं कि श्राद्ध पक्ष में पितृ अपने परिवार के लोगों को आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी पर आते हैं। श्राद्ध में पितरों की नाराजगी को लेकर कुछ बातों का ध्यान देना बहुत आवश्यक है। यहां जानिए किन कामों को आपको पितृ पक्ष में नहीं करना चाहिए
1- श्राद्ध कर्म के चलते लोहे का बर्तन का उपयोग नहीं करना चाहिए। परम्परा है कि पितृपक्ष में लोहे के बर्तन उपयोग करने से परिवार पर अशुभ असर पड़ता है। इस के चलते पीतल, तांबा या अन्य धातु से बने बर्तनों का उपयोग करना चाहिए।
2- पितृपक्ष में श्राद्ध के चलते तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके अतिरिक्त दूसरों के घर का बना खाना तथा पान का सेवन नहीं करना चाहिए। श्राद्ध पक्ष में लहसुन, प्याज से बना खाना नहीं खाना चाहिए। इस दिन ब्राह्माणों को भोजन करवाना शुभ होता है।
3- पितृपक्ष में किसी प्रकार का कोई शुभ कार्य नहीं होता है। किसी प्रकार की नई चीज को नहीं क्रय करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस के चलते अपने पूर्वजों को याद करते हैं तथा उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा करते हैं।
4- पितृपक्ष में जो भी पुरुष श्राद्ध कर्म करते हैं उन्हें इस के चलते बाल तथा दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए। प्रथा है कि बाल और दाढ़ी कटवाने से धन की हानि होती है क्योंकि यह शोक का वक़्त कहा जाता है।
5- पितृपक्ष में घर पर सात्विक भोजन बनाना सबसे सर्वश्रेष्ट होता है। यदि आपको पितरों की मृत्यु तिथि याद है तो पिंडदान भी करना चाहिए। पितृपक्ष के अंतिम दिन पिंडदान तथा तर्पण करना चाहिए।