Diwali Mahakali Puja: यूं तो पूजन का फल भगवान अवश्य ही देते हैं किंतु दीपावली की रात यानी निशीथ काल में की गई पूजा विशेष फल देती है. निशीथ काल में महाकाली की पूजा करनी चाहिए. देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों में से ही एक हैं काली माता. काली मां सिद्धि और पराशक्तियों की आराधना करने वाले साधकों की ईष्टदेवी मानी जाती हैं लेकिन केवल तांत्रिक साधना के लिए ही नहीं अपितु आम जन के लिए भी महाकाली की पूजा विशेष फलदायी बताई गई है. काली पूजा को महानिशा और श्यामा पूजा भी कहा जाता है.

दीपावली की रात न खेलें ताश –

निशीथ काल में पूरे घर की लाइट जलाकर रखनी चाहिए. उत्सव मनाना चाहिए और किसी भी तरह की सुस्ती या डलनेस नहीं आनी चाहिए. इस रात ताश तो कतई नहीं खेलना चाहिए.  विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को इस रात अपने ईष्ट देव का जाप करना चाहिए, निश्चित रूप से  इस दिन किए गए जाप का फल अवश्य मिलता है. परिवार के साथ भजन सुनना सुनाना चाहिए, कोई धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन भी कर सकते हैं.

महत्वपूर्ण टिप्स  –

– दिवाली पूजन के समय कौड़ियों को केसर या हल्दी से रंगकर पीले कपड़े में बांध लें और फिर इन कौड़ियों को धन रखने के स्थान पर रखें, इससे घर में कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी।

– दीपावली के दिन तुलसी के पौधे की उपासना करनी चाहिए, उनको जल देना चाहिए. गेरु या अन्य लाल रंग से उनके गमले को रंगना चाहिए।

– विद्यार्थी वर्ग को दीपावली वाले दिन पेन जरूर खरीदना चाहिए और फिर इसका पूजन करना चाहिए।

– पत्नी व घर की महिलाओं को गिफ्ट अवश्य देना चाहिए, बच्चों को भी गिफ्ट देना चाहिए।

– लक्ष्मी पूजन में धन, सोने या चांदी का सिक्का आदि माता लक्ष्मी को चढ़ाना बहुत ही शुभ होता है. चांदी में लक्ष्मी जी का वास माना जाता है।

– दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन में लक्ष्मी जी के लिए कमल के फूलों का आसन बनाना चाहिए, ऐसा करने वालों के यहां से लक्ष्मी जी कभी नहीं जाती हैं।

– दीपावली के दिन अपने पूर्वजों की याद में 11 लोगों को खाना देने से घर में सुख शांति बनी रहती है।

– दीपावली के दिन हनुमान मंदिर में लाल पताका चढ़ाने से घर-परिवार की उन्नति के साथ ख्याति धन संपदा बढ़ती है।

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