
भिलाई [न्यूज़ टी 20] नई दिल्ली: किसी भी बाजार की तरह क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भी उतार-चढ़ाव होता है. बाजार में वॉलेटिलिटी साल में कभी भी रह सकती है, ऐसे वक्त में फुलप्रूफ सुरक्षित फैसले लेना मुश्किल हो सकता है, खासकर अगर आप क्रिप्टो निवेशक हैं,
तो आपके लिए मुश्किल और बढ़ जाती है.चूंकि क्रिप्टो मार्केट बहुत ज्यादा वॉलेटाइल होता है, ऐसे में हम अभी यह नहीं कह सकते हैं कि हम बेयर मार्केट में हैं या बेयर मार्केट से बाहर निकल रहे हैं.

सामान्यतया, गिरावट में चल रहे बाजार को बेयर मार्केट तब कहते हैं, जब स्टॉक/कमोडिटी की कीमतें उनकी पिछली ऊंचाई से 20 फीसदी से ज्यादा गिर जाती हैं, शेयरों पर निगेटिव रिटर्न मिलने लगते हैं.
हालांकि, ये तो है कि अगर आप बेयर मार्केट में भी सही चाल चलें तो आगे चलकर आपके क्रिप्टोकरेंसी पोर्टफोलियो को फायदा होगा. हम यहां कुछ चीजें बता रहे हैं तो बेयर मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी निवेशक ध्यान में रख सकते हैं.
सही वक्त पर सही निवेश
मार्केट में जब गिरावट चल रही हो तो उस टाइम आप कुछ निवेश कर सकते हैं, जो लॉन्ग टर्म में आपकी मदद कर सकता है. बेयर मार्केट के साथ दिक्कत ये होती है कि आपको नहीं पता होता है कि गिरावट कब तक रहेगी या फिर कीमतें कहां तक गिरेंगी.
इसके चलते या तो आप कभी सही वक्त से पहले निवेश कर बैठते हैं या फिर और इंतजार करने के चक्कर में सही मौका हाथ से निकल जाता है.
चूंकि ये अनुमानों का खेल है, आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा. हालांकि, इसका एक सॉल्यूशन ये हो सकता है कि आप एक प्लान बना लें, जिसके तहत आप नियमित तौर पर एक तय रकम निवेश करते हैं, चाहे मार्केट की दिशा किधर भी जा रही हो. इसे डॉलर-कॉस्ट एवरेजिंग स्ट्रेटजी कहते हैं.
अपना क्रिप्टोकरेंसी प्रोफाइल डाइवर्स रखिए
अगर आप अब तक एक ही करेंसी में निवेश करते आए हैं, तो बेयर मार्केट में एक्सपेरिमेंट करने का अच्छा मौका मिल सकता है. जरूरी नहीं है कि हर क्रिप्टोकरेंसी की कीमत गिर रही हो. ऐसे में जब बाजार में गिरावट चल रही हो तो आप अच्छी रिसर्च करके ध्यान से अपना पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई कर सकते हैं.
लॉन्ग टर्म की सोचिए
बेयर मार्केट में आप लॉन्ग टर्म की सोचकर निवेश के कुछ बढ़िया फैसले ले सकते हैं. ऐसे वक्त में जब कीमतें कम हैं और आप उनमें निवेश करते हैं, तो आपको लॉन्ग टर्म में इसका फायदा होगा. ऐसे वक्त में शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करना बहुत समझदारी नहीं होगी.
अब चूंकि ये भी है कि क्रिप्टोकरेंसी की वॉलेटिलिटी को देखते हुए लॉन्ग टर्म के बारे में सोचना थोड़ा मुश्किल लगता है, लेकिन अगर समझदारी से फैसले लें तो फायदा उठा सकते हैं.
