महासमुंद /महासमुंद शहर में अलग-अलग विभिन्न स्थानों पर हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का निर्माण हुआ है जिसमें 4 वर्ष पूर्व हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के निर्माण के लिए 01करोड़ 48 लख रुपए की स्वीकृति मिली थी महासमुंद शहर के श्री राम कॉलोनी कुम्हार पारा पिटियाझर गुडरू पारा एवं मौहरी भाटा में अर्बन हेल्थ एवं वेलनेस केंद्र का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर है। प्रत्येक अर्बन हेल्थ सेंटर के लिए 37 लख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति मिली है।
उक्त राशि में से 25 लख रुपए की राशि इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण एवं 12 लाख रुपए की राशि दवाइयां में खर्च करने के लिए स्वीकृत है हेल्थ सेंटर को बनाने के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य गरीब और निचली बस्तियों के लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं उनके स्वयं के पास में रहकर जल्दी और अच्छी सुविधा मुहैया कराना था लेकिन इन वैलनेस सेंटरों के निर्माण में व्यापक स्तर पर अनियमितता दिखाई दे रही है। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को बहुत ही ज्यादा ताक में रखा गया है। साथ ही घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया है। लोक स्वास्थ्य के उद्देश्य से कराए गए इन भवनों का निर्माण स्तर बहुत ही घटिया तरीके का है साथ ही निर्माण स्थल का चयन भी मनमानी तरीके से किया गया है।
बात करें गुडरू पारा वैलनेस सेंटर की तो उक्त वैलनेस सेंटर गुडरु पारा तालाब के पार में बनाया गया है जिसमें तालाब की गंदगी वैलनेस सेंटर तक आने के साथ ही बारिश में तालाब का पार का अगर क्षरण होगा तो बिल्डिंग के डैमेज होने का खतरा निरंतर बना रहेगा।
शहरी स्वास्थ्य केंद्र नयापारा के अंतर्गत बना रहे वैलनेस सेंटरों के निर्माण कार्यों की जांच चिकित्सा अधिकारी द्वारा की गई जिसमें वेलनेस सेंटरों के निर्माण में भारी लापरवाही और अनियमितता का मामला सामने आया है। जांच अधिकारी ने समस्त वेलनेस सेंटरों के निर्माण के संबंध में विकासखंड चिकित्सा अधिकारी तुम गांव को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि उक्त कार्यों में गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं हो रहा है तथा आगे कार्रवाई हेतु मार्गदर्शन की मांग की गई है।
खंड चिकित्सा अधिकारी को भेजे गए पत्र में जांच अधिकारी ने यह कहा है कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नयापारा जिला महासमुंद अंतर्गत संचालित वैलनेस सेंटरों के निर्माण प्रक्रिया के संबंध में दस्तावेज और नक्शा और स्थान की जानकारी पूर्व में नहीं मिली थी हाल ही में शहरी कार्यक्रम प्रबंधक के साथ निर्माणस्थल गुडारू पारा तथा मौहरी भाटा के भवन का निरीक्षण किया गया, जिसमें वहां उपस्थित ठेकेदार तथा इंजीनियर द्वारा भवन निर्माण संबंधी जगह व नक्शा के बारे में पूछने पर राज्य के आदेश अनुसार कार्य करना बताया गया है तथा उक्त स्थल में कार्य का नक्शा एवं भवन निर्माण संबंधी बोर्ड एवं अन्य दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे ना हीं जानकारी दिया गया ।
भवन को देखने पर कमरा छोटे लगे वह वहां पर मरीजों के लिए वेटिंग हाल भी नहीं बनाया गया है ना ही वहां किसी के रहने की व्यवस्था है। जिससे वहां पर आपातकालीन मरीजों एवं प्रसव संबंधी कार्यों के लिए मरीज का इलाज हो पाना संभव दिखाई नहीं देता अस्पताल का निर्माण नक्शे के अनुसार नहीं होने एवम अनियमितता साफ झलक रहा है।
अस्पताल में ना हीं बाउंड्री वॉल दिखाई देता है तथा दीवाल की छवाई मजबूती से नहीं की गई है, जिसका परिणाम यह है की दीवारों में दरारें आ रही है और पानी का सिपेज आ रहा है अनेक त्रुटि पूर्ण कार्यों के साथ भवन का निर्माण संतोषजनक दिखाई नहीं देता भवन के सभी कमरों में ना ही दरवाजे लगे हैं ना ही वास बेसिन और चारों ओर इलेक्ट्रिक बोर्ड की सुविधा है और तो और जो इलेक्ट्रिक बोर्ड और वायरिंग लगे हैं वह गुणवत्ता पूर्ण संतोषजनक नहीं लग रहा है।