दुर्ग / कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में शिक्षा विभाग एवं समग्र शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में उन्होंने कक्षा में कमजोर बच्चों के लिए अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन करने को कहा, जिससे उनके शैक्षिक स्तर को बढ़ाया जा सके। कमजोर बच्चों के लिए स्कूल में ही अतिरिक्त कक्षाएं चलाई जाएंगी। जिससे उनका बौद्धिक विकास किया जा सकें। उन्होंने बच्चों का मासिक आकलन कर डाटा कलेक्शन कर उनका विश्लेषण एवं सुधारात्मक उपाय करने को कहा। जिले के विषयवार बेस्ट शिक्षक का चिन्हांकन कर पीयर गु्रप की मदद से अन्य शिक्षकों की क्षमता में वृद्धि करने को कहा।

उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की विषय विशेषज्ञों द्वारा कक्षाएं लेने को कहा। शिक्षकों द्वारा कक्षा अध्यापन हेतु विषयवार विषय विशेषज्ञों द्वारा शिक्षण दिया जाएगा। कलेक्टर ने शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि हिन्दी व अंग्रेजी माध्यम के कक्षावार एवं विषयवार इंटरएक्टिव वीडियो विषय विशेषज्ञों द्वारा वीडियो तैयार करने को कहा, ताकि बच्चों की विषय की मूलभूत अवधारणा स्पष्ट हो सके। साथ ही उन्होंने मध्यान्ह भोजन, निःशुल्क गणवेश, निःशुल्क पाठ्यपुस्तक, सरस्वती सायकल, महतारी दुलार छात्रवृत्ति, छात्रवृत्ति, पेंशन प्रकरणों की समीक्षा की। समग्र शिक्षा अधिकारी ने बताया कि दिव्यांग बच्चे 3083 हैं। इसके अंतर्गत कार्यप्रगति की समीक्षा अगले सप्ताह की जाएगी। शाला त्यागी बच्चों का चिन्हांकन एवं कार्ययोजना की जानकारी ली।

कलेक्टर ने बच्चों की पढ़ाई को गति प्रदान करने के लिए प्रत्येक शनिवार को संज्ञात्मक कक्षाएं संचालित करने को कहा। उन्होंने तृतीय व द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले बच्चों को प्रथम श्रेणी में लाने का प्रयत्न किया जाए, ताकि वह अव्वल नंबर से परीक्षा उत्तीर्ण कर सके। उन्होंने 10वीं एवं 12वीं के परीक्षा परिणाम 50 प्रतिशत से कम आने वाले स्कूलों का निरीक्षण करने को कहा और शिक्षा स्तर में सुधार करवाने के निर्देश दिए। जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल ने बताया कि 10 सेजेस स्कूलों में स्पोकन इंग्लिश की कक्षाएं बच्चों को दी जा रही है। इस पर कलेक्टर ने स्पोकन इंग्लिश की कक्षाओं को सभी स्कूलों में संचालित करने को कहा।

साथ ही प्राइमरी स्कूलों में भी फोकस करने को कहा। बालबाड़ी की समीक्षा में दुर्ग जिले में 100 बालबाड़ी संचालित है, जिसमें 606 बच्चे दर्ज हैं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा जिसमें हिन्दी व अंग्रेजी नही आने वाले बच्चों की प्रतिशत वाईस रिपोर्ट हो। कमजोर बच्चों के बौद्धिक स्तर को सुधारने के लिए शिक्षकों को अतिरिक्त समय देकर शिक्षा देने को कहा। लगातार प्रयासरत रहने से कमजोर बच्चों का ज्ञान बढ़ाया जा सकता है। निर्धारित पाठ्यक्रम के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों में सहभागिता कराकर बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक बनाने के लिए शिक्षकों को अपने दायित्व को ईमानदारी के साथ निभाना चाहिए। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल, जिला मिशन समन्वयक सुरेन्द्र पाण्डेय, बीईओ, एबीईओ उपस्थित थे।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *