रायपुर। राजधानी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बच्चों की खरीदी-बिक्री करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। आरोपी महिला गरीब परिवार से बच्चा खरीदकर उसे महंगे दामों में बेच दिया करती थी। पुलिस ने आरोपी महिला सहित छह लोगों को सिविल लाइन क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। साथ ही महिला के कब्जे से एक बच्चे को भी बरामद किया है।
जानिए मामला
दरअसल, रायपुर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि राजधानी में एक गिरोह के द्वारा बच्चों की खरीद-फरोख्त की जा रही है। इस सूचना पर आईजी रतन लाल दांगी ने तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश एसएसपी प्रशांत अग्रवाल को दिए। पुलिस ने इस गिरोह पर नजर रखी और जैसे ही महिला एक बच्चे और उसके परिजनों को लेकर सिविल लाइन क्षेत्र पहुंची तो पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया। साथ ही बच्चा बेचने आये परिजनों को भी पकड़ा है।
महिला ने पूछताछ में किया चौकाने वाला खुलासा
पकड़ी गई महिला का नाम यशोदा नायक और सुशीला नायक है। महिलाओं ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वो ऐसे परिवार की तलाश करती थी जो बेहद ही गरीब है और आर्थिक रूप से कमजोर हो। ऐसे गरीब परिवार को पैसों का लालच देकर उनसे डेढ़ लाख में उनका बच्चा खरीद लेते थे। उसके बाद उस बच्चे को पांच लाख में दूसरे को बेच देते थे।
फर्जी गोदनामा बनाकर बेचती थी बच्चा
यशोदा ने पुलिस को बताया कि इस काम के लिए उसने अपने साथ सुशीला नायक को भी साथ रखी थी। सुशीला को बच्चा लाने पर 3.5 लाख रूपये देने का लालच उसने दिया था। सुशीला ही बच्चों की खोजबीन करती थी।
आमिर लोगों को बच्चे देने का झांसा
सुशीला अपने पहचान वालों को पैसे का लालच देकर फर्जी गोदनामा में बच्चा लाती थी। इसी तरह से सुशीला बच्चे की तलाश करते हुए दुर्ग पहुंची। यहां एक गरीब परिवार से मिलकर उन्हें 1.5 लाख रूपये में अपने 4 माह के बच्चे को बड़े परिवार में देने का झांसा दिया। सुशीला की बातों में आकर बच्चे के पिता द्वारा अपना बच्चा 1.5 लाख रूपये में देने को राजी हुआ।
जिसके बाद बच्चे और उसके परिवार के साथ महिला रायपुर के सिविल लाईन पहुंची। इधर रायपुर पुलिस को महिला तस्कर की जानकारी मिलते ही बाल विकास विभाग से समन्वय कर गिरोह को पकड़ा गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आरोपियों से पूछताछ के बाद थाना सिविल लाईन को सौंप दिया गया। थाना सिविल लाईन में यशोदा नायक, सुशीला नायक निवासी रायपुर, बच्चे के पिता व उसके 3 रिश्तेदारों सहित 6 आरोपियों के खिलाफ धारा 370, 34 भादवि. व जे.जे. एक्ट 2015 की धारा 80, 81 के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है।