
लंबे इंतजार के बाद शिक्षकों को मिलेगी पदोन्नति की सौगात
रायपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में वर्षों से रुकी प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया अब पटरी पर लौट आई है। हाईकोर्ट ने प्राचार्य प्रमोशन के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिससे अब 2813 व्याख्याताओं को प्राचार्य बनने का रास्ता साफ हो गया है।
30 अप्रैल को जारी हुई थी सूची, कोर्ट ने लगाई थी रोक
शिक्षा विभाग द्वारा 30 अप्रैल 2025 को प्राचार्य पदोन्नति की सूची जारी की गई थी, लेकिन 1 मई को हाईकोर्ट ने इस पर स्थगन (Stay) लगा दिया था। इसके बाद 9 जून से 17 जून तक लगातार सुनवाई चली और अंततः हाईकोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।

17 दिसंबर 2024 को हुआ था शिक्षक संगठनों का बड़ा प्रदर्शन
पिछले दस वर्षों से प्राचार्य पदों पर पदोन्नति नहीं हुई थी। इसे लेकर विभिन्न शिक्षक संगठनों ने प्राचार्य पदोन्नति फोरम बनाकर 17 दिसंबर 2024 को इंद्रावती और महानदी भवन के सामने विशाल प्रदर्शन किया था। इस आंदोलन ने सरकार पर दबाव बनाया।
4690 स्वीकृत पदों में से 3224 लंबे समय से खाली
छत्तीसगढ़ में प्राचार्य के कुल 4690 स्वीकृत पद हैं, जिनमें मात्र 1430 प्राचार्य वर्तमान में कार्यरत हैं। यानी 3224 पद वर्षों से खाली पड़े हैं। यह पदोन्नति 2016 के बाद पहली बार हो रही है, जिससे बड़ी संख्या में शिक्षकों को लाभ मिलेगा।
सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी मिले प्रमोशन लाभ: फोरम की मांग
प्राचार्य पदोन्नति फोरम के प्रतिनिधियों अनिल शुक्ला, राकेश शर्मा, आर.के. झा, श्याम कुमार वर्मा और मलखम वर्मा ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इसे “सत्य की जीत” बताया। उन्होंने मांग की कि जिन शिक्षकों का नाम 30 अप्रैल की सूची में है लेकिन वे अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उन्हें भी प्रमोशन का लाभ मिलना चाहिए।
