
पश्चिमी देशों में पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका के बीच संबंधों में बढ़ती जटिलता अब एक आम बात है। ऐसे में ब्रिटेन की 34 वर्षीय ग्रेस कार्टर और उनके बॉयफ्रेंड लूकस मार्टिन के रिश्ते में भी तनाव बढ़ने लगा था। रिश्तों में दरार आ रही थी और बहसें रोज़मर्रा की बात हो गई थीं।
दोस्तों से नहीं, अब AI से मांगी सलाह

ग्रेस बार-बार दोस्तों से निजी बातों में सलाह लेना पसंद नहीं करती थीं। ऐसे में उन्होंने अपनाया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का रास्ता। ग्रेस पहले से ही ChatGPT का उपयोग अपने काम में करती थीं, लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि यह टूल उनके रिश्ते को भी बचा सकता है।
कैसे ChatGPT बना सपोर्ट सिस्टम?
शुरुआत में थोड़ा अजीब जरूर लगा, लेकिन जब ग्रेस ने ChatGPT से भावनात्मक सलाह लेनी शुरू की, तो उन्हें राहत महसूस हुई। धीरे-धीरे यह एक आदत बन गई और अब ChatGPT उनकी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन गया है।
फोन चेक करने की बहस को कैसे सुलझाया?
ग्रेस और लूकस के बीच सबसे बड़ी बहस इस बात पर थी कि क्या एक-दूसरे का फोन चेक करना सही है या नहीं।
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ग्रेस के लिए यह गोपनीयता में दखल था
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लूकस के लिए यह सामान्य बात
ChatGPT ने उन्हें यह समझाया कि यह “गोपनीयता” नहीं बल्कि “सम्मान” का विषय है। इसके बाद दोनों ने सीमाएं तय कीं और एक-दूसरे को बेहतर समझने लगे।
लूकस की सोच में आया बदलाव
शुरुआत में लूकस को ये मज़ाकिया लगा। लेकिन बाद में वह खुद ग्रेस को ChatGPT से सलाह लेने के लिए प्रोत्साहित करने लगे। ग्रेस के मुताबिक, ChatGPT की सबसे बड़ी ताकत उसकी निष्पक्षता है, क्योंकि दोस्त अक्सर किसी एक का पक्ष ले लेते हैं।
अब दूसरों को भी दे रही हैं सलाह
अब ग्रेस न केवल खुद ChatGPT का इस्तेमाल करती हैं, बल्कि दूसरों को भी भावनात्मक हेल्प के लिए AI की मदद लेने की सलाह देती हैं। उनका कहना है कि कभी-कभी कोई फैसला चाहिए हो, ये जरूरी नहीं… सिर्फ अपनी बात साझा करना भी राहत दे सकता है।
