फूड डिलीवरी एग्रीगेटर जोमैटो ने घोषणा की है कि वह 2048 करोड़ रुपये में पेटीएम का ईवेंट और फिल्म टिकट बुकिंग बिजनेस खरीद रहा है. यानी अब जोमैटो भी टिकट बुकिंग सेवा उपलब्ध कराएगा. लेकिन जोमैटो एक नई सर्विस ऑफर करने जा रहा है जिस पर आप थोड़ा सा ध्यान दें तो यह टिकटों की कालाबाजारी को लीगल करने जैसा लगता है. जोमैटो इस सर्विस को ‘बुक नाउ सेल एनिटाइम’ कह रहा है. मतलब यह कि जैसे ही टिकट उपलब्ध हो आप खरीद लीजिए और जब मन करे तब बेच दीजिए.
आप सोच रहे होंगे कि इसमें कालाबाजारी कैसे? हम यह नहीं कह रहे कि यह कालाबाजारी ही है लेकिन इसका आइडिया जहां से उठाया गया है वह बिलकुल वैसा ही लगता है. बाकी आप आगे पढ़कर खुद तय करें. अगर किसी टिकट को उसी दाम पर दोबारा बेचने के लिए लगा दिया जाए जिस पर खरीदी गई थी तब तो कोई दिक्कत नहीं नजर आती लेकिन आपको उसे दोगुने दाम पर बेचने की सुविधा दी जाए तो आप क्या कहेंगे. जोमैटो बिलकुल ऐसा ही करने वाला है. बल्कि वह तो एक दाम एक कदम और आगे बढ़ गया है. जोमैटो की सर्विस में आप अपने खरीदे हुए दाम से दोगुना नहीं बल्कि उस टिकट मौजूदा कीमत से दोगुने पर उसे बेच सकते हैं.\
कालाबाजारी कैसे?
इसे आप कंट्रोल तरीके से की जा रही कालाबाजीर के रूप में देख सकते हैं. जोमैटो द्वारा दी जा रही सुविधा कुछ इस तरह काम करेगी. मान लीजिए कि आपने कोई टिकट 1000 रुपये की खरीदी. इवेंट जैसे-जैसे नजदीक आया टिकट कम होने के कारण उसके रेट बढ़ते गए. ईवेंट से 1 दिन पहले उस टिकट का रेट 2000 रुपये हो गया. अब आप उस टिकट को मौजूदा प्राइस से दोगुने रेट पर बेच सकते हैं. यानी जो टिकट आपने 1000 रुपये में खरीदी थी वह आप 4000 रुपये में बेचेंगे और एक टिकट पर 3000 रुपये का मुनाफा बनेगा. हालांकि, मुनाफे में टैक्स वाला पैसा काटा जाएगा.
कंट्रोल्ड कैसे?
जोमैटो ने टिकट की दोगुनी कीमत पर कैप लगा दिया है. यानी कोई भी व्यक्ति टिकट की मौजूदा प्राइस से दोगुनी कीमत तक ही उसे बेच सकता है. उससे ऊपर की कीमत पर टिकट बेचने का विकल्प नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा एक कैटेगरी में केवल 10 टिकट को ही रीसेल किया जा सकता है. यह फीचर 20 सितंबर 2024 से शुरू हो जाएगी. इसकी शुरुआत जोमैटो के फीडिंग इंडिया कॉन्सर्ट से होगी.