
मध्य प्रदेश के सागर जिले में बुंदेलखंड की धरती से एक रहस्यमयी बावड़ी का खुलासा हुआ है। इस बावड़ी का पानी चमत्कारी बताया जा रहा है और लोग दावा कर रहे हैं कि इसके पानी से चर्म रोग, सूजन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में राहत मिल रही है।
बावड़ी का रहस्य
सागर जिले के नोनिया गांव में जंगल और पहाड़ों के बीच खुदाई के दौरान यह बावड़ी मिली। यह बावड़ी लगभग 15 फीट गहरी है और इसमें पुरानी ईंटों और पत्थरों से बनी सीढ़ियां हैं। पानी लगातार बाहर निकल रहा है और इसे पीने और स्नान करने से लोग स्वास्थ्य लाभ महसूस कर रहे हैं।

चमत्कारी पानी का असर
स्थानीय लोगों का कहना है कि बावड़ी के पानी में स्नान और पीने से:
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चर्म रोग और फोड़े-फुंसी में राहत मिलती है
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सूजन और आंखों की समस्या कम होती है
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शरीर में हल्का और ऊर्जावान महसूस होता है
लोग इस पानी को बोतलों में भरकर घर ले जा रहे हैं और नवरात्रि के समय कई लोग दूर-दराज के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से यहां पहुंच रहे हैं।
घटनाक्रम
मामला तब सामने आया जब गांव के पहलवान पटेल ने श्मशान घाट के पास पानी में नहा कर अपने चर्म रोग में राहत पाई। इसके बाद गांव के अन्य लोग भी इस चमत्कारी जल का अनुभव लेने लगे।
नवरात्रि के दौरान एक कन्या के बताने पर गांव वालों ने जंगल में खुदाई की और 10-12 सीढ़ियों वाली बावड़ी को खोजा। अब यह बावड़ी पूरी तरह पानी से भरी हुई है।
स्थानीय आस्था और प्रशासनिक पहल
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आसपास के गांव वालों ने नारियल प्रसाद और पूजन सामग्री की दुकानें खोल ली हैं।
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बावड़ी वन क्षेत्र में होने के कारण वन विभाग ने अवैध दुकानों को हटाया।
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लोग इसे धार्मिक और चमत्कारी जल मानकर आस्था और इलाज दोनों के लिए उपयोग कर रहे हैं।
लोग क्या कह रहे हैं?
स्थानीय लोगों और गांववासियों का कहना है कि इस बावड़ी के पानी से स्नान करने और पीने से शरीर और मन दोनों को आराम मिलता है, और कई रोगों में जल्दी सुधार देखने को मिलता है।
