Bhupesh Baghel

रायपुर/राजनीती|News T20: महादेव बेटिंग एप मामले में राज्य के पूर्व सीएम भूपेश बघेल का नाम आने के बाद सियासी पारा चढ़ गया है. ईडी के आरोपपत्र में नाम आने के बाद भूपेश बघेल ने राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया है.

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी पर हमला बोलते हुए कहा “पैसों के साथ पकड़े गए असीम दास ने जेल से अपने लिखित बयान में कहा था कि उन्हें धोखा दिया गया और फंसाया गया और उन्होंने कभी भी किसी राजनेता या उनसे जुड़े लोगों को पैसे नहीं पहुंचाए. अब ईडी दावा कर रही है कि असीम दास ने अपना वह बयान वापस ले लिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें धोखा दिया गया है. हर कोई जानता है कि यह सब किसके दबाव में हो रहा है”

ईडी ने 1 जनवरी को रायपुर की एक विशेष अदालत के समक्ष अपनी दूसरी अभियोजन शिकायत दायर की थी. जिसमें कहा गया कि महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में गिरफ्तार कथित कूरियर असीम दास जिसने पहले भूपेश बघेल को नकदी पहुंचाने से इनकार किया था, उसने अपना बयान वापस ले लिया है. ED की ओर से रायपुर की विशेष अदालत में एक जनवरी को पेश किए गए पूरक आरोप पत्र में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के नाम का जिक्र है.

दरअसल जांच एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान असीम दास को गिरफ्तार किया था और उनके पास से 5.39 करोड़ रुपये जब्त किए थे. ईडी के अनुसार असीम दास ने स्वीकार किया कि जब्त की गई धनराशि छत्तीसगढ़ में चुनाव खर्च के लिए थी. दायर आरोप पत्र में उल्लेख किया गया है कि दास को पिछले साल अक्टूबर में सोनी की तरफ से दुबई बुलाया गया था और उन्हें बघेल तक पहुंचाने के लिए नकदी उपलब्ध कराई गई थी. मामले की रायपुर की विशेष अदालत में 10 जनवरी को सुनवाई हो सकती है.

महादेव ऐप के प्रमोटरों से प्राप्त लगभग 508 करोड़ की रिश्वत के आरोपों के बीच आरोप पत्र दायर किया गया है. इस मामले में कांग्रेस नेता को ईडी से समन मिलने की संभावना है. बघेल ने आरोप लगाया कि संघीय एजेंसी धोखाधड़ी से लोगों को गिरफ्तार कर रही है, उन पर हमला कर रही है, धमकी दे रही है और उनके और उनके सहयोगियों के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव डाल रही है. हम शुरू से ही कह रहे हैं कि ईडी मुझे और मेरे सहयोगियों को फंसाने के लिए हमला, धमकी और मामले में आरोपी बनाने के लिए दबाव बना रही है. ईडी के नए दस्तावेज से यह बिल्कुल साफ हो गया है.

बघेल ने कहा कि सट्टेबाजी ऐप घोटाले की जांच उन्होंने ही शुरू की थी. मैं इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश करना चाहता था और इस खतरे को रोकना चाहता था जो राज्य के युवाओं को जुए की ओर धकेल रहा था. सरकार की जांच के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की. दुर्भाग्य से जांच एजेंसी ने जांच को राजनीतिक दबाव और बदनामी का हथियार बना लिया है. अपने नए आरोप पत्र में ईडी ने पांच आरोपियों को नामित किया है, जिनमें कथित कैश कूरियर दास, पुलिस कांस्टेबल भीम सिंह यादव और ऐप से जुड़े एक प्रमुख कार्यकारी शुभम सोनी शामिल हैं.

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