भिलाई : भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा, अपने अत्याधुनिक पॉली क्लोरो बाइफिनाइल (पीसीबी) डिस्ट्रक्शन प्लांट में व्यापक सुरक्षा जागरूकता अभियान संपन्न हुआ। यह पहल बीएसपी में एक सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
28 मई 2024 से प्रारम्भ किए गए सुरक्षा जागरूकता अभियान का उद्देश्य सुरक्षा प्रोटोकॉल को सुदृढ़ करना और संयंत्र के कार्यबल के बीच सुरक्षा चेतना की संस्कृति को विकसित करना है। इस अभियान के अंतर्गत आयोजित किए जाने वाले कार्यकर्मों की श्रृंखला में शैक्षिक कार्यशालाएं, सुरक्षा ड्रिल और इंटरैक्टिव सत्र शामिल था।
इस दौरान हानिकारक सामग्री के उचित संचालन एवं प्रबंधन, आपातकालीन प्रतिक्रिया, प्रक्रियाओं और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) के उपयोग जैसे आवश्यक सुरक्षा विषयों पर केंद्रित कार्यशालाएं आयोजित की गईं। सुरक्षा जागरूकता अभियान में कर्मचारियों को दुर्घटनाओं की रोकथाम और शारीरिक क्षति से बचने हेतु आवश्यक कौशल एवं जानकारी प्रदान की गयी।
मुख्य महाप्रबंधक (पर्यावरण प्रबंधन) एवं कारखाना प्रबंधक दिव्येंदु लाल मोइत्रा ने कहा “हमारे कर्मचारी हमारी सबसे मूल्यवान संपत्ति हैं, और उनकी सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” महाप्रबंधक (पर्यावरण प्रबंधन) संजय कुमार ने कहा कि “यह अभियान एक सुरक्षित कार्यस्थल बनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जहां हर कोई सुरक्षित महसूस करता है और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए सशक्त होता है। हमें विश्वास है कि कर्मचारियों की सहभागिता के माध्यम से हम कार्यस्थल पर शून्य दुर्घटनाओं के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।” साथ मिलकर, हम दुर्घटनाओं को रोकने और पीसीबी प्लांट में सभी की भलाई सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।”
महाप्रबंधक (पर्यावरण प्रबंधन) एवं विभागीय सुरक्षा अधिकारी श्री के प्रवीन द्वारा यह प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, जिससे कर्मचारी, नवीनतम सुरक्षा मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं से भलीभांति परिचित हो सके। इस दौरान आपातकालीन ड्रिल के बारे में भी जानकारी दी गई। सुरक्षा जागरूकता अभियान के अंतर्गत आपातकालीन स्थितियों हेतु कर्मचारियों को तैयार करने के लिए अग्नि और निकासी ड्रिल आयोजित की गईं व संयंत्र के भीतर विभिन्न संभावित खतरों के प्रति प्रभावी प्रतिक्रियाओं का अभ्यास करने के लिए सिमुलेशन अभ्यास किए गए।
यह अभियान, कर्मचारियों के बीच सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने पर भी केंद्रित था। हाल ही के अवलोकनों के दौरान, कई नजदीकी गांव के व्यक्तियों को क्रैश हेलमेट पहने बिना अपने दोपहिया वाहन चलाते हुए पाया गया। उन्हें गंभीर चोटों से खुद को बचाने के लिए हेलमेट पहनने के महत्व के बारे में सलाह दी गई।
यह भी देखा गया है कि कुछ व्यक्ति तीव्र गति से अपने वाहन चला रहे थे। ऐसे व्यक्तियों को अपनी सुरक्षा और सड़क पर दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ओवर-स्पीडिंग से बचने की सलाह दी गई| अभियान के तहत दोपहिया वाहन पर दो से अधिक वयस्कों को न ले जाने के सुरक्षा नियमों का पालन करने की भी सलाह दी गई, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके।