रायपुर। प्रदेश के बड़े नेताओं और कलेक्टरों तक ऊंची पहुंच बताकर चार करोड़ 39 लाख की ठगी करने वाले आरोपित शैलेंद्र बघेल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित ने प्रदेशभर में सोलर पैनल और सोलर लाइट लगाने के नाम पर ठेकेदारों से ठगी की थी। आरोपित को तीन दिन की रिमांड में लिया गया है। उससे पूछताछ के बाद और भी लोग सामने आ सकते हैं।
आरोपित रायपुर के मोवा क्षेत्र में रहता था। सिविल लाइन थाने में सुशील शर्मा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। वह ठेकेदारी का काम करते हैं। प्रार्थी व उसके दोस्त प्रेम रतन भट्टर, नरेंद्र शर्मा और शिरीश अवस्थी एवं अन्य से शैलेंद्र बघेल ने सोलर पैनल एवं सोलर एलइडी लाइट का काम दिलाने के नाम पर लगभग चार करोड़ 39 लाख रुपये की ठगी की।
सुशील शर्मा ने पुलिस को बताया कि जुलाई 2021 वह अपने भतीजे मनीष मिश्रा के माध्यम से शैलेंद्र बघेल से मिला। शैलेंद्र बघेल ने शासकीय विभागों में अच्छी पकड़ होने की बात कही। वहीं, उसने बताया कि प्रत्येक जिले के लिए 2.50 करोड़ रुपये का काम होना प्रस्तावित है।
वह प्रत्येक जिले, ग्राम एवं नगर पंचायतों में होने वाले सिविल कार्य एलइडी लाइटिंग, सोलर पैनल एवं सोलर एनर्जी का कार्य दिला सकता है। शैलेंद्र बघेल ने 100 प्रतिशत काम होने का आश्वासन भी दिया। जिसके बाद पैसे ले लिए।
40 प्रतिशत कमीशन
सुशील ने एक करोड़ के काम पर कमीशन के बारे में पूछा तो शैलेंद्र ने 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की। इसमें 10 प्रतिशत राशि कार्य मिलने के पूर्व में मांग की। प्रार्थी उसकी बातों में आकर अपने दोस्त प्रेम रतन भट्टर, नरेंद्र शर्मा एवं शिरीश अवस्थी को उपरोक्त कार्य के बारे में बताया। जिससे सभी मित्र पार्टनरशिप में काम करने के लिए सहमत होकर शैलेंद्र बघेल से मुलाकात एवं पेमेंट करने के लिए इंडियन कफी हाउस सिविल लाइन रायपुर में गए।
जहां हमारे मध्य बातचीत होने के बाद जिला मुंगेली एवं बेमेतरा के सोलर पैनल कार्य के लिए तीनों ने मिलकर 50 लाख रुपये नकद शैलेंद्र बघेल को दिया। शैलेंद्र ने एक महीने में काम दिलाने का आश्वासन दिया। कुछ दिनों के बाद काम नहीं मिलने पर शैलेंद्र से संपर्क किए जाने पर उसके द्वारा अधिकारियों का स्थानांतरण होने के कारण काम नहीं हो पाना बताया।
इसके बाद उसने फिर से उन्हें जिला बालोद के कार्य के लिए अपने जाल में फंसाया। शैलेंद्र ने गंगरेल जिला धमतरी स्थित रिजार्ट में 23 लाख रुपये नकद रकम ली। कुछ महीने पश्चात शैलेंद्र बघेल से कार्य के संबंध में संपर्क किए जाने पर उसके द्वारा आजकल कहते हुए टालमटोल कर रहा था।
जब शैलेंद्र बघेल के बारे में और अधिक जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि उसके द्वारा रजनीश नशीने, मालवे, शंकर दमोहे, इंदर सोनकर और मनीष मिश्रा से भी लगभग तीन करोड़ 66 लाख रुपये लिया है और कार्य नहीं दिलाया है। शैलेंद्र बघेल कैपिटल सिटी मोवा सड्डू रायपुर में रहता था।
आरोपित कई नेताओं के साथ दिखाता था अपनी फोटो। आरोपित के मोबाइल फोन में कई नेताओं के साथ उसकी फोटो मिली है जिससे वह सब को दिखाकर अपनी पहुंच बताता था। प्रार्थी झांसे में आकर उसे रकम दे रहे थे। अब पुलिस पूछताछ कर रही है कि और कितने लोग इसके साथ शामिल हैं।