
आजकल सोशल मीडिया पर भारत में रहने वाले विदेशी लोग अपने अनुभव अक्सर शेयर करते रहते हैं. कुछ लोग यहां की संस्कृति, भोजन और रहन-सहन की बातें करते हैं तो कुछ लोग भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं पर अपने विचार रखते हैं. हाल ही में एक अमेरिकी महिला ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भारत के अस्पताल में हुए एक अनुभव को साझा किया, जिसने लाखों लोगों का ध्यान खींच लिया. इस अनुभव को उन्होंने “क्रेजी” बताया और कहा कि अमेरिका में ऐसा होना नामुमकिन है.
अमेरिका की रहने वाली क्रिस्टन फिशर पिछले चार साल से भारत में रह रही हैं. उन्होंने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम kristenfischer3 पर एक रील शेयर की, जिसमें उन्होंने बताया- “मैं सब्जी काट रही थी और उसी समय गलती से मेरा अंगूठा कट गया.

खून काफी बह रहा था और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं. फिर मैं साइकिल पर बैठकर पास के अस्पताल पहुंची. वहां करीब 45 मिनट रही. डॉक्टर ने चेक किया और बताया कि टांके लगाने की जरूरत नहीं है. मैंने पूरा इलाज कराया और सिर्फ 50 रुपये देकर घर लौट आई.”
क्यों कहा इसे ‘क्रेजी’ अनुभव?
क्रिस्टन ने बताया कि यह अनुभव उन्हें इसलिए “क्रेज़ी” लगा क्योंकि दो वजहें थी- पूरा प्रोसेस बहुत आसान और तेज़ था और अमेरिका की तुलना में इलाज का खर्च बेहद कम था. उन्होंने कहा कि उनके घर से अस्पताल सिर्फ 5 मिनट की दूरी पर था. भारत में हर जगह क्लिनिक, डॉक्टर और अस्पताल आसानी से मिल जाते हैं.
उन्होंने लिखा- “भारत में रहकर मुझे बहुत सुरक्षित महसूस होता है क्योंकि जरूरत पड़ने पर कुछ ही मिनटों में डॉक्टर तक पहुंच सकती हूं.” क्रिस्टन ने वीडियो में ही आगे बताया कि उन्हें पूरे इलाज में केवल 50 रुपये खर्च करने पड़े.
उन्होंने मजाकिया अंदाज में जोड़ा- “जो लोग नहीं जानते, 50 रुपये लगभग 60 सेंट होते हैं.” इसके बाद उन्होंने अमेरिका और भारत की तुलना करते हुए कहा कि अमेरिका में इतनी सी चोट का इलाज भी बहुत महंगा होता है. वहां स्वास्थ्य बीमा की प्रीमियम ही महीने का 1,000 से 2,000 डॉलर तक होती है.
लोगों की प्रतिक्रियाएं
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों ने इस पर जमकर प्रतिक्रियाएं दीं. एक यूजर ने लिखा- “सही कहा, भारत में हर जगह मेडिकल मदद आसानी से मिल जाती है और बिना किसी झंझट के.” दूसरे ने कहा- “आपका अनुभव अच्छा रहा. अक्सर इस तरह की चोट पर डॉक्टर टिटनेस का इंजेक्शन भी लगा देते हैं.”
तीसरे ने मजाक में लिखा- “अगर डॉक्टर आपका पड़ोसी हो तो वह फीस भी माफ कर देगा. मजाक छोड़िए, मेरे गांव में भी डॉक्टर गरीब महिलाओं से फीस नहीं लेती थीं.” चौथे यूजर ने अमेरिका की समस्या बताते हुए लिखा- “मैंने यहां गैस्ट्रो डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेना चाहा तो सबसे नजदीकी तारीख फरवरी 2026 की मिली.”
