अमीर हो या गरीब, हर कोई अच्छी जगह पर रहना पसंद करता है. ऐसी जगह, जहां कोई खतरा न हो. सुकून हो और अच्छी हवा हो. लेकिन ऐसी जगह तलाशना सपने की तरह है. मगर धरती पर एक जगह ऐसी है, जहां क्राइम न के बराबर है. कोई देश जिसका दुश्मन नहीं. हर कोई खुशहाल. कमाई के मामले में भी जबरदस्त. इसीलिए इसे धरती पर रहने के लिए स्वर्ग जैसी जगह माना जाता है.
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हम बात कर यूरोपीय देश आइसलैंड की, जहां क्राइम रेट इतना कम है कि पुलिस बंदूकें नहीं रखती. स्वात टीम के पास हथियार तो हैं लेकिन वे शायद ही कभी उनका उपयोग करते हैं. देश के हर तीन में से एक नागरिक के पास हथियार है, लेकिन हत्या साल में सिर्फ एक या दो होती है. बलात्कार, चोरी-डकैती तो जैसे यहां के लोगों को आती ही नहीं.
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आइसलैंड में अपनी सुरक्षा को लेकर लोग रत्तीभर भी चिंतित नहीं रहते. बच्चों को उनके मां-बाप यूं ही बाहर छोड़ देते हैं. उनकी कोई पहरेदारी नहीं करता. कोई भी किसी अजनबी की गाड़ी में बैठकर कहीं भी चला जाता है. अपराध कम होने के पीछे सबसे अहम वजह है कि बराबरी और समानता का भाव है. यहां उच्च, मध्य और निम्न के बीच अंतर ना के बराबर है. पैसों के लिए कोई लड़ाई नहीं होती.
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यहां उद्योगपतियों के बच्चे भी साधारण बच्चों की तरह ही स्कूल जाते हुए मिल जाएंगे. यहां कॉलेज की डिग्री एक महीने के किराये से कम महंगी है. लगभग हर नागरिक के पास नौकरी या किसी न किसी तरह का रोजगार है. सामाजिक सुरक्षा का जाल फैला हुआ है. किसी को कोई तकलीफ नहीं होती. यही वजह है कि यहां जितने बेटे हैं, उनती ही बेटियां भी हैं.
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ज्वालामुखियों के लिए प्रसिद्ध आइसलैंड यूरोप का एक छोटा देश है और इसकी राजधानी रेक्याविक है. यहां तीन लाख से कुछ ज्यादा लोग रहते हैं. यहां की महिलाएं अधिकतर स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करती हैं. यही वजह है कि इस देश को ‘फैमिनिस्ट हेवन’ या महिलाओं के लिए स्वर्ग के तौर पर जाना जाता है.
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आप जानकर हैरान होंगे कि अक्टूबर 2023 में यहां की प्रधानमंत्री काटरिन याकब्सडॉटिर देश की अन्य महिलाओं के साथ एक दिन की हड़ताल पर चली गईं. उनकी कैबिनेट में शामिल किसी भी महिला मंत्री ने कोई काम नहीं किया. उस वक्त महिलाएं देश में वेतन की असमानता और जेंडर आधारित हिंसा का विरोध कर रही थीं.
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अन्य देशों के मुकाबले यहां ड्रग्स की समस्या बिल्कुल भी नहीं. यूएनओडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक फीसदी से कम युवा हैं जो छिटपुट ड्रग्स लेते हैं. कोई खूंखार जानवर भी यहां नहीं, जो लोगों की जान लेता हो. यहां तक कि यह दुनिया का अनोखा मुल्क है, जहां मच्छर भी नहीं दिखते.
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हाल ही में आइसलैंड एक बार फिर चर्चा में तब आया, जब वहां ज्वालामुखी विस्फोट का लावा कस्बे तक पहुंच गया. यहां तक कि आपातकाल लागू करना पड़ा. इसे अब तक का सबसे ताकतवर विस्फोट बताया गया है.ज्वालामुखी से लावा और साथ में धुएं का बड़ा गुब्बार भी निकला, जिसने पूरे देश को अपनी आगोश में ले लिया. इसके अलावा इस देश में कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आती.