
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को जिस 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का बेसब्री से इंतजार है, उसका गठन अब तक अधर में लटका हुआ है। जनवरी 2026 से नई सैलरी संरचना लागू करने की बात कही गई थी, लेकिन गठन, टर्म्स ऑफ रेफरेंस और नियुक्तियों में देरी के कारण यह समयसीमा अब संकट में है।
6 महीने बीतने के बाद भी अधिसूचना नहीं
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16 जनवरी 2025 को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी।
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अब तक न अध्यक्ष का नाम घोषित हुआ है और न ही सदस्य नियुक्त हुए हैं।
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यह देरी कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच भ्रम और असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है।
बार-बार बढ़ रही नियुक्ति की समयसीमा
DoPT ने 8वें वेतन आयोग के लिए चार अंडर सेक्रेटरी के पद भरने हेतु तीन बार आवेदन की आखिरी तारीख बढ़ा दी है।

चरण | तारीख |
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मूल आखिरी तारीख | 21 मई 2025 |
पहली बार बढ़ाई गई | 10 जून 2025 |
दूसरी बार बढ़ाई | 30 जून 2025 |
तीसरी बार बढ़ाई | 31 जुलाई 2025 |
इससे संकेत मिलते हैं कि सरकार को योग्य अधिकारियों की तलाश में दिक्कत हो रही है, जिससे आयोग के गठन में देरी हो रही है।
8वें वेतन आयोग में किसे मौका?
इन पदों के लिए आवेदन ऑल इंडिया सर्विसेस या केंद्र सरकार के ग्रुप ‘A’ सेवा से जुड़े अधिकारी कर सकते हैं, जो केंद्रीय स्टाफिंग स्कीम के तहत अंडर सेक्रेटरी लेवल के लिए पात्र हों।
क्या खतरे में है जनवरी 2026 की वेतन बढ़ोतरी?
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7वें वेतन आयोग की अधिसूचना 25 सितंबर 2013 को जारी हुई थी और फरवरी 2014 तक ToR जारी कर दिए गए थे।
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8वें वेतन आयोग की घोषणा को अब 160+ दिन हो चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।
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ऐसे में जनवरी 2026 तक रिपोर्ट लागू कर पाना मुश्किल लग रहा है।
कर्मचारियों ने जताई चिंता
एनसी-जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
उनका कहना है कि स्टाफ की ओर से सुझाव पहले ही दिए जा चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से संवादहीनता से असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
