भिलाई [न्यूज़ टी 20] झोलाछाप के गलत इंजेक्शन ने 12 साल की बच्ची की जान ले ली। बच्ची की मां बीमार थी। घरवाले उसकी मां को झोलाछाप को दिखाने ले जा रहे थे। इसी दौरान बच्ची ने भी जिद कर दिया। उसने कहा कि उसे भी खांसी-जुकाम है।

परिवार वाले बच्ची को भी ले गए। झोलाछाप ने उसे इंजेक्शन लगा दिया था। 24 घंटे बाद रविवार को सहमति बनने के बाद मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर शव सौंपा गया।

वहीं पुलिस ने झोलाछाप को डिटेंन किया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम 24 घंटे बीत जाने के बाद भी मेडिकल स्टोर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।

दरअसल, सोडियार (बाछड़ाऊ) निवासी डालूराम अपनी पत्नी कुंता को शनिवार दोपहर करीब 2-3 बजे बाछड़ाऊ झोलाछाप को दिखाने जा रहे थे। बेटी की जिद पर उसे भी साथ ले लिया।

माता-पिता ने खांसी-जुकाम की दवाई मांगी थी। लेकिन झोलाछाप ने इंजेक्शन लगा दिया। एक इंजेक्शन लगाने के बाद तबीयत बिगड़ी तो दूसरा इंजेक्शन लगा दिया। ज्यादा तबीयत बिगड़ती देख बाड़मेर जिला अस्पताल भेज दिया।

बीच रास्ते में नाबालिग बच्ची ने दम तोड़ दिया। पिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। 24 घंटे बाद झोलाछाप रुकमणाराम को डिटेंन करने के बाद परिजनों ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।

धोरीमन्ना एएसआई दुर्गाराम दहिया के मुताबिक परिजनों की रिपोर्ट में मामला दर्ज कर लिया है। वहीं रुकमणाराम डिटेंन (दस्तयाब) कर लिया है। पुलिस रुकमणाराम से पूछताछ कर रही है। फिलहाल जांच शुरू कर दी है।

चला था वार्ता का दौर

नाबालिग बच्ची के परिजनों ने मेडिकल स्टोर संचालक व झोलाछाप को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे।परिजनों, समाज व प्रशासन के बीच में कई दौर की वार्ता हुई है।

लेकिन दिन भर चली वार्ता के बाद सहमति नहीं बनी। झोलाछाप को डिटेंन करने के बाद परिजन पोस्टमार्टम करवाने के लिए सहमत हुए और शव को रविवार को परिजनों को सुपुर्द किया।

7वीं में पढ़ती थी

निरमा 7वीं क्लास में पढ़ती थी। निरमा की मां कुंतादेवी (38) को बुखार आ रहा था। निरमा के पिता डालूराम मां को चेक करवाने के लिए घर से रवाना हो रहे थे, तभी बच्ची ने खुद को बीमार बता साथ चल पड़ी।

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