भिलाई [न्यूज़ टी 20] दुर्ग / उद्योग जगत द्वारा जिले के विकास के लिए किये जा रहे सीएसआर कार्यों की मानिटरिंग कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने की। उन्होंने कहा कि इस साल के सीएसआर का प्लान उद्योग समूह 20 जून तक भेज दें।

नियमानुसार जो सीएसआर में अंशदान की राशि है उसके अनुसार प्लान बनाएं। उन्होंने कहा कि उद्योगों की बैलेंसशीट भी सीएसआर शाखा द्वारा देखी जाएगी ताकि इस बात का निर्धारण किया जा सके कि उद्योग सीएसआर की निर्धारित राशि का दायित्व पूरा कर सकें।

उन्होंने कहा कि इस बार स्टील इंडस्ट्री ने अच्छी ग्रोथ की है इसके मुताबिक भिलाई स्टील प्लांट जैसे उद्योग सीएसआर में अधिक राशि का सहयोग करेंगे। अन्य उद्योग भी अपने परिवेश को बेहतर बनाने सीएसआर के अपने दायित्वों को निभाएं

और इसमें अधिकतम व्यय करें। उन्होंने कहा कि उद्योग अपने क्षेत्र में ही सीएसआर के लिए प्रोजेक्ट्स चुन सकते हैं। जैसे जामुल में यदि एक एकड़ में कृष्ण कुंज लगाना है तो इसकी जिम्मेदारी समीपस्थ के उद्योग ले सकते हैं।

कलेक्टर ने कहा कि उद्योगों के निकट आजीविकामूलक अवसरों को बढ़ावा देने के लिए, जलमिशन के कार्य के लिए, गौठान आदि के लिए, पौधरोपण के लिए उद्योगजगत सीएसआर के माध्यम से पहल कर सकता है।

उन्होंने कहा कि कुछ उद्योगों ने सीएसआर में अच्छा कार्य किया है लेकिन कुछ उद्योगों का योगदान अपेक्षित नहीं रहा है। सीएसआर शाखा के अधिकारी इस बात की मानिटरिंग कर रहे हैं। कलेक्टर ने उद्योगों की बैठक में कहा कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अधिकाधिक अवसर देना

अहम जिम्मेदारी हैं। सभी उद्योग इस बात की जानकारी दी कि उनके उद्योग में कितने कर्मी हैं और इनमें कितने स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर दिये गये हैं। कलेक्टर ने इंडस्ट्रियल सेफ्टी का विषय भी रखा।

उन्होंने कहा कि प्लांट में सेफ्टी सबसे अहम है। इसकी निरंतर मानिटरिंग की जा रही है। सेफ्टी मानकों पर खरा नहीं उतरने वाले प्लांट पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ इंडस्ट्रियल यूनिट्स से प्रदूषण की शिकायतें आई हैं जिनके जांच के निर्देश दिये गये हैं।

जो भी यूनिट प्रदूषण संबंधी मानकों पर ध्यान नहीं देते, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने पर्यावरण मंडल के अधिकारी से बीते माह की गई कार्रवाइयों के संबंध में जानकारी भी ली।

कलेक्टर ने कहा कि सेफ्टी औरर जनस्वास्थ्य को लेकर उद्योगों की लगातार मानिटरिंग की जा रही है। इस पर खरे नहीं उतरने वाले उद्योगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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