दुर्ग / छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में नर्सिंग होम सिद्धिविनायक अस्पताल का लायसेंस रद्द हुआ. सिरसा गेट भिलाई 3 स्थित सिद्धिविनायक (बच्चों का अस्पताल) में कार्यरत चिकित्सकीय डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टॉफ द्वारा 10 माह के बच्चे शिवांश वर्मा के स्वास्थ्य उपचार में लापरवाही होने से बच्चे की मृत्यु हुई. यह छ.ग. नर्सिंग होम एक्ट नियम 2010 एवं 2013 का उल्लंघन है. बच्चे के परिजनों द्वारा मामले की शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में की गई.
संज्ञान लेते हुए प्रशासन द्वारा विधिपूर्ण कार्रवाई की गई. सीएमएचओ दुर्ग के निर्देशन में मामले की जांच की गई. जांच में दोषी पाए जाने के बाद अस्पताल में काम करने वाले 4 डॉक्टर्स और 7 स्टाफ के खिलाफ भिलाई तीन थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. देव बलौदा के रहने वाले महेश कुमार वर्मा अपने नाती शिवांश वर्मा को सर्दी-खांसी की शिकायत होने पर सिद्धिविनायक अस्पताल लेकर गए थे. इलाज के तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई.
इस मामले में बच्चे के परिवार वालो ने अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया. जांच करने पर मालूम हुआ कि अस्पताल में चेकअप कराने पर डॉक्टर की तरफ से बच्चे की सांस ज्यादा चलने की बात सामने आई थी. इसके बाद बच्चे को ICU में भर्ती कर ऑक्सीजन देना शुरू किया गया. दूसरे दिन एक्स-रे कराकर बताया गया कि बच्चे के फेफड़े में कफ भरा है.
इसके बाद डॉक्टर की गैरमौजूदगी में नर्स ने इंजेक्शन लगाया जिससे शिवांश की मौत हो गई. 11 दिसंबर को नोटिस जारी होने के 30 दिवस पूर्ण होने के उपरांत संस्था को छ.ग. राज्य उपचार्यगृह तथा रोगोपचार संबंधी स्थापनाएँ अनुज्ञापन अधिनियम 2010 एवं 2013 के तहत प्रदत्त लायसेंस क्रमांक DURG0417/HOS को निरस्त किया गया है.