भिलाई [न्यूज़ टी 20] कोलंबो. श्रीलंका की राजधानी कोलंबो (Sri Lanka Economic Crisis) से करीब 100 किलोमीटर दूर रामबुकाना कस्बे में पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई है. इस दौरान 12 लोग घायल हुए हैं. श्रीलंका की पुलिस ने गोलीबारी की पुष्टि करते हुए बताया है कि प्रदर्शनकारी एक रेलवे क्रॉसिंग पर जाम लगा रहे थे.

उन्हें हटाने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी है. श्रीलंकाई पुलिस ने मंगलवार को पुलिस फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद रामबुक्काना पुलिस डिवीजन में कर्फ्यू लगा दिया. स्थानीय अखबार कोलंबो पेज ने पुलिस प्रवक्ता एसएसपी निहाल थलडुवा के हवाले से बताया कि रामबुकाना पुलिस क्षेत्र में अगली सूचना तक पुलिस कर्फ्यू लगा दिया गया है.

कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती से कानून लागू किया जाएगा. इससे पहले प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने राष्ट्रपति गोटबया राजपक्षे की शक्तियों पर अंकुश लगाने और संसद को सशक्त बनाने के लिए संविधान में 19वें संशोधन को बहाल करने का एक प्रस्ताव मंगलवार को पेश किया.

यह प्रस्ताव ऐसे समय में पेश किया गया है, जब श्रीलंका अप्रत्याशित आर्थिक संकट से जूझ रहा है और लोग लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

पारंपरिक सिंहली और तमिल नव वर्ष के बाद संसद को संबोधित करते हुए, ‘प्रधानमंत्री राजपक्षे ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक आधार पर विभिन्न संकटों का समाधान खोजा जाए.’ उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि संविधान में संशोधन जरूर होना चाहिए. इसकी शुरुआत के तौर पर, 19वें संशोधन को आवश्यक और समयबद्ध परिवर्तनों के साथ लागू करना, देश की मौजूदा स्थिति के लिए सबसे अच्छा अल्पकालिक समाधान है.’

प्रधानमंत्री ने संसद से कहा, ‘मेरा मानना है कि 19ए को कुछ संशोधनों के साथ एक अल्पकालिक समाधान के रूप में बहाल किया जा सकता है. साल 2015 में अपनाया गया 19ए राष्ट्रपति की शक्तियों को कम करता है और संसद को कार्यकारी राष्ट्रपति से अधिक शक्तियां देता है.’

विक्रमसिंघे ने किया समर्थन

पूर्व प्रधानमंत्री एवं यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता रानिल विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री का समर्थन करते हुए कहा, “मैं 19वें संशोधन को बहाल करने को लेकर खुश हूं। मेरा अनुरेाध है कि सम्मानजनक तरीके से 20वें संशोधन को जल्द से जल्द समाप्त कर दें, ताकि 19वें संशोधन को बहाल किया जा सके।” विक्रमसिंघे की सरकार ने ही 19वां संशोधन पेश किया था.

संकट के समाधान के लिए सोमवार को हुई थी विशेष बैठक

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति के आशीर्वाद से हमें भविष्य में व्यापक संवैधानिक सुधार की ओर बढ़ना चाहिए। वहीं, संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धना ने सदन को बताया कि मौजूदा राजनीतिक संकट को दूर करने को लेकर अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान तलाशने के लिए कल एक विशेष बैठक की गई थी।

अभयवर्धना ने कहा, ‘कई पार्टी नेताओं ने एक दीर्घकालिक उपाय के रूप में एक नए संविधान का मसौदा तैयार करने और संविधान में 21वें संशोधन को एक अल्पकालिक समाधान के रूप में लाकर संसद को मजबूत करने का आह्वान किया है.’

राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने स्वीकार कीं अपनी गलतियां

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने स्वीकार किया है कि उन्होंने गलतियां कीं, जिसके कारण देश दशकों के सबसे खराब आर्थिक संकट से घिर गया. राष्ट्रपति ने अपनी गलतियां सुधारने का संकल्प भी किया. राष्ट्रपति ने सोमवार को 17 मंत्रियों की नई कैबिनेट का गठन करके उसके समक्ष अपनी गलती स्वीकार की.

उन्होंने कहा, ‘गत ढाई साल में हमने कई चुनौतियों का सामना किया है. कोविड-19, कर्ज का बोझ और कुछ गलतियां हमारी रहीं. उन्हें सुधारे जाने की जरूरत है. हमें उन्हें सुधारना होगा और आगे बढ़ना होगा. हमें लोगों का भरोसा पुन: जीतना होगा.’ उन्होंने अपने कई फैसलों पर अफसोस जताया.

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