भिलाई [न्यूज़ टी 20] रूस के हमलों से यूक्रेन थर्रा उठा है. कई शहर तबाह हो गए हैं. रूस ने कीव के एक शॉपिंग सेंटर में गोलाबारी की. इसमें कम से कम 8 लोग मारे गए. आस-पास की इमारतें ध्वस्त हो गईं.

वहीं चीन ने यूक्रेन को अतिरिक्त 1.57 मिलियन डॉलर की सहायता देने की बात कही है. वहीं जेलेंस्की ने कहा है कि वह युद्ध विराम के लिए रूस का अल्टीमेटम नहीं मानेंगे. इसके अलावा अब से करीब दो सप्ताह पहले ज़ेलेंस्की ने कहा था कि

वह अब यूक्रेन के लिए नाटो की सदस्यता हासिल करने पर दबाव नहीं डाल रहे हैं. ज़ेलेंस्की ने एबीसी न्यूज पर प्रसारित एक साक्षात्कार में कहा था कि नाटो यूक्रेन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है.

राष्ट्रपति ने कहा, “गठबंधन (नाटो) विवादास्पद चीजों और रूस के साथ टकराव से डरता है.” गौरतलब है कि रूस ने कहा है कि वह नहीं चाहता कि पड़ोसी यूक्रेन नाटो में शामिल हो.
यूक्रेन के महाअभियोजक ने कहा कि

सूमी शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक रासायनिक संयंत्र पर भी रूसी गोला गिरा है. संयंत्र पर सोमवार की रात तीन बजे बम गिराया गया जिससे एक टैंक में रखी गई 50 टन अमोनिया गैस का स्राव होने लगा.

महाअभियोजक ने बताया कि गैस पर काबू पाने में कई घंटे लग गए. उधर, रूसी सेना के प्रवक्ता इगोर कोनाशेंकोव ने दावा किया कि गैस स्राव यूक्रेन की ओर से योजनबद्ध उकसावे की कार्रवाई है.

उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सेना रूस पर रासायनिक हमला करने का झूठा आरोप लगा रही है. कोनाशेंकोव ने यह भी कहा कि रात में किये गये क्रूज मिसाइल हमले में यूक्रेन के रिवने क्षेत्र में स्थित सैन्य प्रशिक्षण केंद्र को निशाना बनाया गया.

उन्होंने कहा कि इस दौरान 80 विदेशी और यूक्रेनी सैनिक मारे गये. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि चीन यूक्रेनी शहरों पर भीषण हमले कर रहे

रूस को मदद मुहैया कराने का फैसला करता है, तो बीजिंग के लिए इसके कुछ निहितार्थ और परिणाम होंगे. इन सबके बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 25 मार्च को पोलैंड की यात्रा करने वाले हैं, जहां वो यूक्रेन की मदद को लेकर बातचीत करेंगे.

26 दिन बाद भी विश्वयुद्ध का खतरा बरकरार युद्ध को 26 दिन हो चुके हैं और यूक्रेन पर कब्जा करने के लिए अब रूसी सेना हाइपरसोनिक और क्रूज़ मिसाइलों से सैन्य ठिकानों को निशाना बना रही है.

एक तरफ रूसी आक्रमक तेज हो रहे हैं तो दूसरी तरफ यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं. पुतिन के साथ बातचीत के साथ ही जेलेंस्की ने इस बात का भी इशारा कर दिया है कि

अगर यह असफल रहती है तो इससे तीसरा विश्व युद्ध छिड़ सकता है. अगर इतिहास के पन्नों को पलटें तो यूक्रेन युद्ध के दौरान वही हालात बन रहे हैं, जो प्रथम विश्व युद्ध और बाद में द्वितीय विश्व युद्ध का कारण बने थे.

सरल शब्दों में समझे तो यूक्रेन और रूस के बीच जारी सीमित युद्ध किसी भी वक्त दुनिया को अपने चपेट में ले सकता है.


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