भिलाई [न्यूज़ टी 20] जांजगीर चांपा । ऑपरेशन राहुल बचाव अभियान तेज कर दिया गया है। बोरवेल वाले जगह की घेराबंदी कर लोगों को हटाया गया। एनडीआरएफ ने ऊपर में भी रेस्क्यू के काम को प्रारंभ किया। बोरवेल तक लगभग 1 मीटर की दूरी ही रह गई है।
कम्पन हो रहा है एनडीआरएफ रस्सी लेकर रेस्कयू कर रहा। BSP और Balco से भी रेस्कयू टीम राहत और बचाव के लिए पहुंच गई है । छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा में खुले बोरवेल में गिरे 10 साल के राहुल को बचाने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है।
फिलहाल बोरवेल के अंदर फंसे मासूम राहुल पर कैमरे से नजर रखी जा रही है। बच्चे तक रस्सी के माध्यम से केला, फ्रूटी और अन्य खाद्य सामग्री पहुंचाई गई। जिसे खाकर बच्चा स्वस्थ है।
अंदर ऑक्सीजन की कमी ना हो इसलिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन दिया जा रहा है। वहीं बाहर में भी ऑक्सीजन की टंकी पर्याप्त मात्रा में रखी गई है। आज सुबह राहुल तक पहुंचने के लिए सुरंग बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई।
लेकिन सुरंग के रास्ते में चट्टान आने के कार्य में बढ़ा उत्पन्न हुई । इसलिए हैंड ड्रिलिंग मंशीन से सुरंग बनाई गई। बता दें कि बड़ी मशीनों का उपयोग करने से जमीन ने कंपन राहुल के लिए खतरा बन सकता है।
इसे ध्यान में रखते हुए छोटी मशीनों का उपयोग किया गया है। ड्रिलिंग मशीन द्वारा सुरंग वाले स्थान पर होल किया गया है। स्मोक फ़िल्टर भी लगाए गए है। अभी 6 से 7 फिट होरिजेंटल खुदाई की जा चुकी है। चट्टान को काटा गया है।
आगे भी ड्रिल कर होल बनाया जा रहा है। मजबूत चट्टानी पत्थर को ड्रिल मशीन से जगह जगह होल किया गया है। ताकि सुरंग का रास्ता तैयार हो सके। ड्रिल के दौरान भारी मात्रा में डस्ट निकल रहा है।
वेंटिलेटर/स्मोक फ़िल्टर से डस्ट को कंट्रोल किया गया है। 1 मीटर शेष रहते ड्रिल मशीन से चट्टान को काटने का कार्य बंद कर दिया गया है। अब राहुल को बचाने के लिए हाथ से खुदाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने ग्रीन कॉरिडोर बनाने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल के रेस्क्यू के बाद अस्पताल ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने के निर्देश कलेक्टर जितेंद्र शुक्लाऔर एस.पी. विजय अग्रवाल को दिए हैं। रेस्कयू स्थल पर मेडिकल स्टाफ पूरी तैयारी के साथ अलर्ट मोड पर है।
ऑक्सीजन, मास्क के साथ स्ट्रेचर की है व्यवस्था रखी गई है। एम्बुलेंस भी तैयार है। मेडिकल स्टाफ की कोशिश होगी जब राहुल को बाहर निकाला जाएगा तो स्वास्थ्य जांच करते हुए एम्बुलेंस में ही सम्पूर्ण चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए अपोलो अस्पताल बिलासपुर तक सुरक्षित पहुचाया जाए।