बटवाही में भेंट-मुलाकात: मुख्यमंत्री ने रघुनाथपुर से बुलगा तक पक्की सड़क, हाईस्कूल प्रारंभ करने और तपता से खड़गंवा मार्ग में पुलिया निर्माण की घोषणा

भिलाई [न्यूज़ टी 20] रायपुर / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक अलग अंदाज में लोगों से भेंट-मुलाकात कर रहे हैं। बातचीत की शैली में वे लोगों से सरकार द्वारा चलाई जा रही अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं की फीडबैक भी ले रहे हैं।

प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान आज सरगुजा जिले के लुण्ड्रा विधानसभा के बटवाही गांव की जनता से सीधे मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से पूछा कि आपका कर्जा माफ हुआ है या नहीं,

आपको राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिला है या नहीं। मुख्यमंत्री का सवाल सुनते ही ग्रामीणों ने एक सुर में कहा कि हमें इन योजनाओं का लाभ मिला है और इसके लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद भी दिया।

मुख्यमंत्री ने भेंट-मुलाकात में उपस्थित जनसमूह से कहा कि यदि आपने इन योजनाओं में पंजीयन नहीं कराया है तो पंजीयन करा लें। वे न सिर्फ लोगों से सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का फीडबैक ले रहे हैं,

बल्कि वे लोगों को समस्याओं का निराकरण भी कर रहे हैं। उन्होंने बटवाही में लोगों की मांग पर नेशनल हाइवे में रघुनाथपुर से बुलगा तक पक्की सड़क, ग्राम बटवाही में हाईस्कूल, तपता से खड़गंवा मार्ग में पुलिया निर्माण की घोषणा की।

मुख्यमंत्री आम जनता से सीधे ताल्लुक रखने वाले विभागों के मैदानी कार्यालयों का भी निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने बटवाही में उप स्वास्थ्य केन्द्र, स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटर और गौठान का भी निरीक्षण किया।

उप स्वास्थ्य केन्द्र के निरीक्षण में उन्होंने वहां पदस्थ चिकित्सकों और स्टॉफ की कार्यशैली की तारीफ की। गौठान के निरीक्षण के दौरान उन्होंने गौठान से जुड़ी महिलाओं के आर्थिक गतिविधियों की जानकारी ली

और उन्हें वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने बटवाही गौठान में ही मशरूम यूनिट का लोकार्पण भी किया। उन्होंने यहां अंडा उत्पादन इकाई का भी अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री के उप स्वास्थ्य केन्द्र बटवाही निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि गांव में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुल जाने से लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आई है,

गंभीर किस्म के प्रकरणों पर डिलवरी के लिए प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाते है। अब घरों में प्रसव कराने की परम्परा बंद हो चुकी है।

इस पर मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की जागरूकता की सराहना की। उन्होंने ग्रामीणों से  चिकित्सकों की उपस्थिति और यहां मिलने वाली उपचार सुविधा तथा दवाईयों के वितरण आदि की जानकारी ली।

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